दरअसल न्यायिक अभिरक्षा के तरह बाबा को अलवर के जिला काराग्रह के नंबर 1 बैरक में रखा गया। तो वहीं सूत्रों के मुताबिक, इस वार्ड में और भी कई विचारधीन कैदी हैं, जिनके साथ बाबा को रखा गया है, तो वहीं उनकी सुरक्षा को लेकर जेल प्रशासन काफी मुस्तैद है। बावजूद इसके जेल में उन्हें एक जीव ने परेशान कर रखा है, जिस कारण उनकी रातों की नींद उड़ी हुई है। हालांकि जेल के डॉक्टर लगातार उनकी सेहत पर निगरानी रखे हुए हैं। मिली जानकारी के मुताबिक, बाबा ने पहले दिन बाबा ने केवल दो ही केले खाए थे।
बेहतरीन जिंदगी जी रहे और आलीशान कमरों मे सोने वाले बाबा को जेल में रात बिताने को जब फर्श और शरीर ढकने को कम्बल दिया गया, तो वो पूरी रात बैरक दीवारें ही ताकते रह गए। और जब सोने की कोशिश में जुटे तो मच्छर दुश्मन बन गए और रातभर उन्हें जगना पड़ गया। इतना ही नहीं सोने के प्रयास में फलाहारी बाबा ने रातभर करवटें बदली, लेकिन नींद नहीं आई। और जब सुहब उन्हें गिनती के लिए बाहर लाया गया तो वो वार्ड के चबूतरे और जेल की दीवारें निहारते रहें।
सूत्रों के मुताबिक, जेल में बंद बाबा ने शनिवार शाम को खाना नहीं खाया। जेल प्रशासन के अनुरोध के बाद भी बाबा के खाना नहीं खाने पर जेल में नवरात्र कर रहे बंदियों ने बाबा को केले दिए। पहले तो बाबा ने मना कर दिया, लेकिन बाद में एक कैदी से दो केले मांगकर खाए। तो वहीं जेल में बंद बाबा के शिष्यों ने उनके लिए नारियल और फल फ्रूट लेकर काराग्रह गए थे, लेकिन जेल प्रशासन ने नारियल पानी को अंदर ले जाने से इनकार कर दिया। नियमों के अनुरूप केवल कुछ फल भिजवाए थे।