गलता की पहाड़ियों पर स्थित आमागढ़ किले में भगवा ध्वज को हटाने और मूर्तियों की तोड़फोड़ का मामला अब भी शांत नहीं हो पाया है। राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने गुरुवार को आमागढ़ मामले के दोषियों पर कार्रवाई सहित विभिन्न मांगों को लेकर सचिवालय में धरना दिया और आदिवासी मीणा संघ के पदाधिकारियों के साथ मुख्य सचिव को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने रामकेश मीणा के हिन्दू नहीं होने के बयान पर जुबानी हमला बोलते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
किरोड़ी ने निर्दलीय विधायक रामकेश मीणा के मीणा हिन्दू नहीं है के बयान पर जुबानी हमला बोला। उन्होंने कहा कि मीणा पहले भी हिन्दू थे। आज भी हैं और आगे भी हिन्दू रहेंगे। हम हिन्दू परंपराओं का निर्वहन जन्म से मरण तक करते हैं। मगर रामकेश मीणा के बयान ने हमको देश में बदनाम करवा दिया। हमारी छवि धूमिल कर दी। भावनाओं से खिलवाड़ किया है। किरोड़ी ने कहा कि सरकार रणनीति के तहत हिन्दुओं को आपस में लड़वा रही है। मीणा समाज को आपस में लड़वा रही है।किरोड़ी ने कहा कि सीएम को सत्ता बचाने के लिए एक—एक वोट की जरूरत है। निर्दलीय विधायक रामकेश मीणा उनके दत्त पुत्र हैं।
सरकार से यह रखी मांग किरोड़ी ने कहा कि मीणा समाज की धरोहरों से लगातार छेड़छाड़ की जा रही है। आमागढ़ में शिलालेख हटा दिया गया। पन्ना मीणा की जगह पन्ना मियां लिख दिया गया। यह हिन्दुओं और मीणा समाज के साथ साजिश हो रही हैं किरोड़ी ने रामकेश मीणा के खिलाफ कार्रवाई के साथ ही आमागढ़ में झंडा हटाने वाले, मूर्ति तोड़ने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। साथ ही सामाजिक सौहार्द्र बिगाड़ने के पीछे किसका हाथ है, इसकी जांच एनआईए से कराने की मांग की। किरोड़ी ने आमागढ़ किले में पूजा—अर्चना के लिए चाबी मांगी, लेकिन सरकार ने मना कर दिया।
सचिवालय में ही धरने पर बैठे किरोड़ी ने राज्य सरकार समझौता पत्र की पालना नहीं करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों पुजारी की हत्या मामले में मैंने महवा और जयपुर में धरना दिया। इस दौरान सरकार से हमारा समझौता हुआ था, लेकिन उस पर कोई अमल नहीं हो पाया है। राजनीतिक दबाव की वजह से सरकार समझौता पत्र पर कार्रवाई नहीं कर रही है। इसके बाद किरोड़ी समर्थकों के साथ सचिवालय में ही कुछ देर के लिए धरने पर बैठ गए।