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Amazon: अमेजन के जंगलों पर मंडरा रहे हैं संकट के बादल

locationजयपुरPublished: Sep 02, 2019 11:47:47 pm

Submitted by:

Suresh Yadav

Jaipur news : पर्यावरण संरक्षण में ब्राज़ील के अमेजऩ वर्षा वनों का है व्यापक महत्व

Amazon: अमेजन के जंगलों पर मंडरा रहे हैं संकट के बादल

Amazon: अमेजन के जंगलों पर मंडरा रहे हैं संकट के बादल

Amazon Forest : The existence of tribal castes is in danger: हम लगातार ऐसी खबरें सुनते और पढ़ते रहते हैं कि अमेजन के जंगलों में भीषण आग लग गई या फिर इन्हें काटा जा रहा है। क्या आप जानते हैं कि अमेजन (Amazon) के जगल हमारे लिए कितना महत्व रखते हैं। आइए आपको बताते हैं…..
पृथ्वी के जलवायु संतुलन (Climate balance) में ब्राज़ील के अमेजऩ वर्षा वनों का पर्यावरणीय महत्व बहुत ज्यादा है। इनका संरक्षण बहुत जरूरी है, पर जलवायु परिवर्तन के इस दौर में यह पूरे विश्व के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण हो गया है। इन घने जंगलों में बहुत कार्बन समाता है और इनके कटने से इतने बड़े पैमाने पर ग्रीनहाऊस गैसों का उत्सर्जन होगा कि विश्व स्तर के जलवायु संरक्षण सम्बंधी लक्ष्यों को प्राप्त करना बहुत मुश्किल हो जाएगा। यही कारण है कि जब ब्राज़ील के अमेजऩ वर्षावन में नुकसान की बात होती है तो पूरे विश्व के पर्यावरणविद चौकन्ने हो जाते हैं।
ऐसा नहीं है कि इन वनों की रक्षा के लिए कोई प्रयास नहीं हो रहे। अमेजन वर्षावनों की रक्षा से ब्राज़ील के आदिवासियों का जीवन भी बहुत नज़दीकी तौर पर जुड़ा है। 274 भाषाएं बोलने वाले लगभग 300 आदिवासी समूहों की आजीविका और दैनिक जीवन भी इन वनों पर ही निर्भर है।
इसके महत्व को देखते हुए ब्राज़ील के 1988 के संविधान में आदिवासी समुदायों के संरक्षित क्षेत्रों की पहचान व संरक्षण की व्यवस्था की गई थी। फुनाय नाम से विशेष सरकारी विभाग आदिवासी हकदारी की रक्षा के लिए बनाया गया। यदि हम इन अमेजऩ के आदिवासियों के इतिहास की बात करें तो प्राचीन समय से ही इन्हें बहुत अत्याचार सहने पड़े हैं। इसलिए बचे हुए लगभग नौ लाख आदिवासियों की रक्षा को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है।
जर्मनी और नार्वे की सहायता से इन वनों की रक्षा के लिए संरक्षण कोष भी स्थापित किया गया है।
हालांकि ब्राज़ील में कुछ महत्वपूर्ण कदम सही दिशा में उठाए गए है, लेकिन दूसरी ओर इससे भी बड़ा सच यह है कि अनेक शक्तिशाली तत्व इन वनों को उजाडऩे के पीछे पड़े हैं। इसमें मांस (विशेषकर बीफ) बेचने वाली बड़ी कंपनियां हैं जो जंगल काटकर पशु फार्म बना रही हैं।
कुछ कंपनियां खनन सहित दूसरे स्रोतों से कमाई करना चाहती हैं। इन सबका लक्ष्य यही है कि यदि जंगल काटे जाएं और आदिवासियों को उनकी वन-आधारित जीवन पद्धति से हटा दिया जाए तो उन्हें मनमानी करने से कोई नहीं रोक सकता।
उपग्रह चित्रों से प्राप्त आरंभिक जानकारी के अनुसार वर्ष 2016 में जहां 3183 वर्ग किलोमीटर वन क्षेत्र पर वन उजड़े थे। वहीं इस वर्ष सात महीने से भी कम समय में 3700 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पर वन उजड़ गए हैं।
वन विनाश की यह गति और भी तीव्र हो रही है।
2017 में जुलाई महीने में 457 वर्ग किलोमीटर वन उजड़े थे, जबकि इस वर्ष जुलाई के पहले तीन हफ्तों में ही 1260 वर्ग किलोमीटर वन उजड़े।
यही नहीं इसके साथ आदिवासी हितों पर हमले भी बढ़ गए हैं। हाल ही में वाइअपी समुदाय के मुखिया की हत्या कर दी गई। बताया जाता है कि इस समुदाय के क्षेत्र में बहुत खनिज संपदा है। जिसके कारण इस प्रकार की घटनाएं बढ़ रही है।
मानव जीवन की रक्षा और पर्यावरण संतुलन के लिए अमेजन के वनों की रक्षा जरूरी है, और इनकी रक्षा करना विश्व समुदाय का दायित्व है।
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