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मोदी पर भ्रष्टाचार के आरोपों की ‘सच्चाई’ हुई सार्वजनिक, जारी हुई 5 हज़ार से ज़्यादा पन्नों वाली जांच रिपोर्ट

locationजयपुरPublished: Mar 31, 2017 02:49:00 pm

Submitted by:

Nakul Devarshi

सुप्रीम कोर्ट के सेवानिृत्त जज एबी शाह की अध्यक्षता में मोदी के आदेश पर ही गठित आयोग की रिपोर्ट को शुक्रवार को आखिरकार विधानसभा के पटल पर रख दिया गया।

गुजरात सरकार ने तत्कालीन मुख्यमंत्री (अब प्रधानमंत्री) नरेन्द्र मोदी के कार्यकाल में भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के सेवानिृत्त जज एबी शाह की अध्यक्षता में मोदी के आदेश पर ही गठित आयोग की रिपोर्ट को शुक्रवार को आखिरकार विधानसभा के पटल पर रख दिया गया। 
इसे सदन में पेश करने की मांग को लेकर मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने जबरदस्त हंगामा किया था। शुक्रवार को भी इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस का प्रदर्शन जारी था। 



उपमुख्यमंत्री नीतिन पटेल ने 22 खंड और 5 हज़ार से अधिक पन्नों वाली इस रिपोर्ट को सदन में रखने के बाद कहा कि अब यह सार्वजनिक संपत्ति हो गई है और कोई भी विधायक इसे सदन की लाइब्रेरी से लेकर पढ सकता है। सरकार ने पहले भी कहा था कि आयोग ने सभी आरोपों को नकारते हुए मोदी और उनके सरकार को क्लिन चिट दे दी थी। 
गौरतलब है कि कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष शंकरसिंह वाघेला ने बार-बार आरोप लगाया था कि सरकार अगर सदन में रिपोर्ट नहीं रखती तो इसका मतलब यह होगा कि वह मोदी के भ्रष्टाचार को छुपाना चाहती है। 


उधर कांग्रेस के विधायक शुक्रवार को सदन में रिपोर्ट पेश करने की मांग और गुरुवार को भाजपा अध्यक्ष सह विधायक अमित शाह की ओर से सदन में कांग्रेस पर लगाये गए आरोपों को लेकर माफी की मांग वाले बैनर पहन कर आए थे। उन्हें बाद में दिन भर के लिए सदन की कार्यवाही से निलंबित कर दिया गया। 
दरअसल, गत 20 फरवरी को शुरू हुए बजट सत्र का आज आखिरी दिन है। शाह आयोग ने विभिन्न औद्योगिक समूहों को जमीन के आवंटन में कथित अनियमितता एवं भ्रष्टाचार के आरोपो समेत ऐसे 12 आरोपों की जांच की थी। इसने अपनी रिपोर्ट कुछ वर्ष पहले ही राज्य सरकार को सौंप दिया था। सरकार ने पूर्व में भी दावा किया था कि आयोग ने सभी मुद्दों पर क्लिन चिट दे दी है। 

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