राजस्थान में इन चुनावी जिम्मेदारियों का भार भारतीय जनता पार्टी मुरलीधर राव को दिया है। मुरलीधर राव बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव के पद पर हैं। शाह ने राव को राजस्थान के साथ-साथ केरल, तमिलनाडु की भी जिम्मेदारी सौंपी है।
कौन है मुरलीधर राव
मुरलीधर राव एक किसान परिवार में जन्मे थे। वे तेलंगाना जिले के वारंगल में पैदा हुए थे। उन्होंने अपनी प्रारम्भिक पढ़ाई के साथ स्नातक की पढ़ाई वारंगल से ही की।
मुरलीधर राव एक किसान परिवार में जन्मे थे। वे तेलंगाना जिले के वारंगल में पैदा हुए थे। उन्होंने अपनी प्रारम्भिक पढ़ाई के साथ स्नातक की पढ़ाई वारंगल से ही की।
सन 1983 में राव आगे की पढ़ाई के लिए हैदराबाद की उस्मानिया यूनिवर्सिटी में आ गए। हैदराबाद उनके लिए राजनीति की पहली शुरुआत थी। उस्मानिया विश्वविद्यालय से मुरलीधर को राजनीति का चस्का लग गया। यहां से वे आरएसएस में शामिल हो गए साथ ही एबीवीपी की राजनीति में भी सक्रिय रूप से जुड़ गए। यहां से राव ने राजनीति में कदम जमाने शुरू कर दिए थे। उन्होंने विश्वविद्यालय का छात्रसंघ चुनाव लड़ने के लिए एबीवीपी से महासचिव का टिकट मांगा। सक्रिय रूप से जुड़े होने के कारण एबीवीपी ने उन्हें टिकिट दे दिया और वे महासचिव का चुनाव जीत गए।
इसी दौरान राव की जिंदगी में के नया और सक्रिय मोड़ आया और सन 1987 में मुरलीधर को राजस्थान भेज दिया गया। राजस्थान में राव ने भैरोंसिंह शेखावत की निगरानी में राजस्थान एबीवीपी के लिए काम किया। इसके बाद साल 1991 में जम्मू कश्मीर में भी मुरलीधर ने एबीवीपी का नेतृत्व किया।
साल 2009 में मुरलीधर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए। भाजपा में शामिल होने के करीब एक साल बाद उन्हें राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया। राष्ट्रीय महासचिव रहने के साथ साथ राव को तमिलनाडु और केरल का इंचार्ज भी बनाया गया।
इसी के साथ मुरलीधर की बीजेपी में मजबूत पकड़ हो गई और उन्होंने 2014 के लोकसभा चुनाव के साथ आंध्र और तेलंगाना के विधानसभा चुनावों में मुरलीधर ने सक्रिय भूमिका निभाई। इसके बाद मुरलीधर को कर्नाटक का प्रभारी बना दिया गया। सूत्रों के अनुसार मुरलीधर राव को भाजपा तेलंगाना के विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री पद के लिए भी मैदान में उतार सकती है।
मजबूत रणनीति के साथ तैयारी भाजपा इस बार पूरी रणनीति से काम करना चाह रही है। इसके लिए बीजेपी ने उन जगहों की सीटों की लिस्ट बनाई है जहां पर भाजपा पिछली बार चुनाव हारी थी। बीजेपी इन सीटों पर विशेष कार्य कर पकड़ मजबूत करना चाहती है। इन्हीं सबके चलते राजस्थान में चुनाव को लेकर भाजपा ने कमर कसना शुरू कर दिया है। भाजपा राजस्थान में मिशन के तहत काम कर रही है इस मिशन में विधानसभा में 180 और लोकसभा में 25 का मिशन बना रखा है।
गौरतलब है कि राजस्थान समेत अन्य राज्यों में इस वर्ष लोकसभा (2019) और विधानसभा चुनाव होने है। ऐसे में बीजेपी ने तैयारियों को तेज करते हुए हर राज्य में पकड़ बनाने का काम शुरू कर दिया है। हर राज्यों की चुनावों की निगरानी बीजेपी के राष्ट्रिय अध्यक्ष अमित शाह के पास है और वे खुद हर राज्य में जाकर इन तैयारियों का जायजा भी ले रहें हैं।
बीजेपी के इन महासचिवों को मिला राज्यों का प्रभार मुरलीधर राव – राजस्थान, केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक
भूपेंद्र यादव – गुजरात, बिहार, उत्तरप्रदेश
अनिल जैन – हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़,मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़
सरोज पांडे – महाराष्ट्र, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड
अरुण सिंह – ओडिशा, झारखंड, असम, हिमाचल प्रदेश
कैलाश विजयवर्गीय – पश्चिम बंगाल