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उपलब्धियां गिनाने पहुंचे थे अमित शाह, सुननी पड़ गईं वसुंधरा सरकार के मंत्रियों-विधायकों की शिकायतें

locationजयपुरPublished: Sep 18, 2018 08:41:46 am

Submitted by:

Nakul Devarshi

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जयपुर/ भीलवाड़ा।

राजस्थान के आगामी विधानसभा चुनाव में जीत का पताका फहराने का ‘गुरुमंत्र’ फूंकने आए बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को वसुंधरा सरकार के मंत्रियों और विधायकों की शिकायतें सुननी पड़ रहीं हैं। भीलवाड़ा में आरएसएस के चित्तौड़ प्रांत के पदाधिकारियों के साथ हुई गोपनीय बैठक में इस तरह की शिकायतें पहुंचने की बातें सामने आईं हैं।
दरअसल, शाह सोमवार को भीलवाड़ा शहर के निकट नोगांवा स्थित माधव गोशाला में आरएसएस के चित्तौड़ प्रांत के पदाधिकारियों के साथ गोपनीय बैठक करने पहुंचे। बैठक में अमित शाह ने गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया व शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी सहित संघ के प्रांत प्रचारक व अन्य पदाधिकारियों से चर्चा की।
सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक में चित्तौड़ प्रांत के सात विभाग के 12 जिलों में कोटा, बारां, बांसवाड़ा, उदयपुर, चित्तौड़, अजमेर, झालावाड़, बूंदी, राजसमंद, डूंगरपुर, प्रतापगढ़, भीलवाड़ा के पदाधिकारियों ने हिस्सा लिया। कुछ विभाग के प्रतिनिधियों ने बताया कि संघ के सदस्यों ने कभी भी किसी जरुरतमंद की समस्या बताई तो मंत्रियों और विधायकों की ओर से उन्हें बहुत ही कम तवज्जो दी गई। राष्ट्रीय अध्यक्ष ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया और आगामी चुनावों में इसे नजर में रखते हुए काम करने का इशारा किया। कार्यकर्ताओं ने देश में चल रहे एससी-एसटी एक्ट में किए गए बदलाव के बाद समाज में चल रही हलचल व आरक्षण जैसे मुद्दों के असर पर अपनी बात कही।
विधायकों के कामकाज की समीक्षा
सूत्रों के मुताबिक, बैठक में संघ से जुड़े विधायकों के कामकाज के साथ ही आगामी चुनावों में क्या रणनीति रहेगी, इस पर भी चर्चा हुई।


क्या उदयपुर में रूठों को मनाएंगे शाह?
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह जयपुर यात्रा के दौरान बोले थे कि पार्टी में जो लोग रूठे हैं, उनके बारे में मुझे बताएं, मैं उनको मनाऊंगा। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि उदयपुर में लम्बे समय से भाजपा से रूठे हुए वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ताओं को मनाने की कोई कवायद होगी क्या? इस सवाल पर इन दिनों भाजपा और नाराज लोगों के बीच चर्चा गर्म है।
भाजपा से नाराज नेताओं से जब पूछा तो वे सीधे बोले कि उनको कोई भी मनाए, वे मानने वाले नहीं है। उनका आरोप है कि उदयपुर में जब तक गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया है, तब तक यह संभव नहीं है, शाह को इस प्रयास में सफलता नहीं मिलेगी।
इन वरिष्ठ नेताओं ने कहा कि उनका और उदयपुर शहर भाजपा के पूर्व अध्यक्षों का पार्टी बरसों से सम्मान नहीं कर रही है, उनको बैठकों में नहीं बुलाती है। अभी भाजपा के प्रदेश संगठन, स्थानीय संगठन व सरकार के बड़े मंत्री भी इन नेताओं को मनाने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन अभी तक बात नहीं बनी है।

उदयपुर में ये नाराज
भाजपा के पूर्व शहर अध्यक्ष हीरालाल कटारिया, मदनलाल मूंदड़ा, ताराचंद जैन, मांगीलाल जोशी, पूर्व विधानसभाध्यक्ष शांतिलाल चपलोत, भाजपा नेता दलपत सुराणा, नगर परिषद के तत्कालीन सभापति वीरेंद्र बापना, पूर्व उपसभापति महेन्द्रसिंह शेखावत आदि शामिल हैं। ये नेता पार्टी से नाराज चल रहे हैं और इनमें से अधिकतर भैरोंसिंह शेखावत मंच के साथ हैं। इन नेताओं ने साफ कहा कि वे सिर्फ पार्टी को वोट देंगे, पार्टी के लिए काम इस चुनाव में नहीं करेंगे। इसी तरह पार्टी में कटारिया व उच्च शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी के बीच भी कई बार नाराजगी सामने आई है।
इनका कहना है…
उदयपुर में पार्टी के पुराने व वरिष्ठ नेताओं का सम्मान नहीं है। यहां कटारिया की वजह से वरिष्ठों का सम्मान नहीं है, ऐसे में शाह हो या कोई भी वे नाराज नेताओं को नहीं मना सकेंगे।
– मांगीलाल जोशी, पूर्व शहर अध्यक्ष भाजपा
हमने संगठन के स्तर पर सबको मनाने का काम शुरू किया है, अच्छे परिणाम आएंगे। घर की बात है सबको मना लेंगे, संवाद शुरू कर दिया है।
– दिनेश भट्ट, उदयपुर भाजपा शहर अध्यक्ष

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