टिकट वितरण के समय प्रत्याशियों के विरोध में कई जगह असंतोष के स्वर उभरे थे। पार्टी ने इन विरोध को दरकिनार करते हुए ज्यादातर सांसदों को फिर मौका दिया। इन सांसदों ने प्रदेश इकाई और दिल्ली तक यह जानकारी दी है कि कौन उनके साथ है और कौन विरोध में। इसके बाद दिल्ली ने अपने स्तर पर मॉनिटरिंग शुरू की है।
सक्रिय और निष्क्रिय नेताओं का फीडबैक शाह के साथ प्रदेश इकाई को भी भेजा जा रहा है। बड़े नेता संबंधित नेताओं से बात कर उनकी नाराजगी दूर करने की कोशिश कर रहे हैं। जहां ज्यादा विरोध है, वहां खुद अमित शाह प्रत्याशियों से बात कर रहे हैं।
विधायक अपने क्षेत्र में रहें
पार्टी रोज रिपोर्ट तैयार करवा रही है और यह देख रही है कि दिल्ली से फोन जाने और बड़े नेताओं के समझाने के बाद कितने नेता सक्रिय हुए हैं और कितने विरोध में हैं।
पार्टी रोज रिपोर्ट तैयार करवा रही है और यह देख रही है कि दिल्ली से फोन जाने और बड़े नेताओं के समझाने के बाद कितने नेता सक्रिय हुए हैं और कितने विरोध में हैं।
विरोध और पक्ष के नेताओं की सूची भी लोकसभा वार तैयार की गई है। विधायकों और विधानसभा चुनाव के प्रत्याशियों को भी निर्देश हैं कि वे अपनी विधानसभा नहीं छोडें।