जोधपुर/जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan High Court) की एक खंडपीठ (bench) जयपुर में स्थापित करने का वकील (lawyer) 42 वर्ष से विरोध कर रहे हैं। इनकी मांग है कि एकीकृत हाईकोर्ट (Integrated High Court) होना चाहिए। इस मांग को लेकर राजस्थान हाईकोर्ट की जोधपुर खंडपीठ (Jodhpur Bench) में वकील 1977 से लगातार आंदोलन (protest) कर रहे हैं और महीने के अंतिम कार्यदिवस पर न्यायिक कार्य का बहिष्कार (Boycott of judicial work) करते हैं। इसी मांग को लेकर राजस्थान उच्च न्यायालय तथा 45 अधीनस्थ न्यायालयों में चार हजार से अधिक अधिवक्ताओं ने एकीकृत हाईकोर्ट की मांग को लेकर महीने के अंतिम कार्य दिवस पर गुरुवार को न्यायिक कार्यों का बहिष्कार किया। इसके चलते न्यायालयों में बयान और जिरह के काम पर असर रहा। सिर्फ जमानत, रिमांड जैसे जरूरी कामकाज निपटाए गए ।
धरने पर बैठे अधिवक्ता
राजस्थान हाईकोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन के महासचिव प्रहलात सिंह भाटी तथा लायर्स के महासचिव मृगराजसिंह ने बताया कि अध्यक्ष रणजीत जोशी तथा लायर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनिल जोशी के नेतृत्व मे एकीकृत हाईकोर्ट की मांग को लेकर गुरुवार को एसोसिएशन से जुड़े अधिवक्ताओं ने लाइब्रेरी के बाहर धरना दिया।
राजस्थान हाईकोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन के महासचिव प्रहलात सिंह भाटी तथा लायर्स के महासचिव मृगराजसिंह ने बताया कि अध्यक्ष रणजीत जोशी तथा लायर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनिल जोशी के नेतृत्व मे एकीकृत हाईकोर्ट की मांग को लेकर गुरुवार को एसोसिएशन से जुड़े अधिवक्ताओं ने लाइब्रेरी के बाहर धरना दिया।
42 वर्ष से चल रही है हड़ताल वर्ष 1977 से एकीकृत हाईकोर्ट की मांग को लेकर प्रत्येक महीने के अंतिम कार्यदिवस पर अधिवक्ता न्यायिक कार्य का बहिष्कार कर रहे हैं। वरिष्ठ अधिवक्ताओं के अनुसार वकीलों की यह हड़ताल देश में चलने वाली सबसे लम्बी अवधि की हड़ताल बनती जा रही है। पिछले 42 वर्ष में जोधपुर के वकीलों ने पांच सौ से अधिक दिन तक न्यायिक कार्य दिवस का बहिष्कार किया है। हाईकोर्ट की सलाह पर वर्ष 1977 में सरकार ने राजस्थान हाईकोर्ट की एक खंडपीठ जयपुर में स्थापित कर दी। इसके पीछे तर्क यह दिया गया था कि जोधपुर प्रदेश के दूसरे कई जिलों से काफी दूर पड़ता है भौगोलिक परिस्थितियां से यह ठीक होगा। जोधपुर के वकीलों ने तभी से विरोध शुरू कर दिया जो आज तक जारी है ।