मंगलवार को भारत बंद को लेकर चल रही सोशल मीडिया पर चर्चा का असर अजमेर में नजर नहीं आया। अजमेर जिले में जहां बंद को लेकर कोई संगठन आगे नहीं आया। वहीं पुलिस अधीक्षक राजेन्द्र सिंह ने 2 अप्रेल को बंद के दौरान हुई छीटपुट घटनाओं के मद्देनजर पुख्ता इंतजाम कर रखे थे। एसपी सिंह ने जिले के थानाप्रभारियों को बिना सूचना बंद करवाने और उपद्रव फैलाने वालों के खिलाफ सख्ती से कानूनी कार्रवाई के निर्देश दे रखे थे। उसका असर रहा कि किसी भी संगठन के लोग बंद को लेकर सामने नहीं आए।
बीएसएफ की टूकड़ी तैनात भारत बंद को लेकर जिला पुलिस ही नहीं वरन् राज्य व केन्द्र सरकार स्तर पर तैयारी की गई थी। अजमेर में 2 अप्रेल को बंद के दौरान हुए लाठीभाटा को देखते हुए सीमा सुरक्षा बल(बीएसएफ) की टूकड़ी तैनात की गई थी। मंगलवार सुबह ही बीएसएफ के तीन वाहन अजमेर पुलिस लाइन पहुंच गए। जबकि कलक्ट्रेट व अभय कमांड सेंटर पर जिला पुलिस का अतिरिक्त जाप्ता तैनात नजर आया। देर शाम तक कोई असर नहीं नजर आया।
2 अप्रेल को हुआ था बंद एससी-एसटी संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट के कानून में तब्दीली को लेकर भारत बंद किया था। इस दौरान अजमेर, जयपुर सहित कई शहरों में पथराव, लाठीचार्ज, हिंसक वारदात हुई। कई जगह आगजनी की घटनाएं अंजाम दी गई। पुलिस को कई लोगों को हिरासत में लेना पड़ा। इसके बाद से 10 अप्रेल को बंद से जुड़ी सूचनाएं सोशल मीडिया पर चलने लगी थी।
खुले रहे बाजार-मॉल अजमेर में सुबह से शाम तक बाजार और मॉल खुले रहे। मदार गेट, आगरा गेट, नया बाजार और अन्य इलाकों में दुकानें सामान्य ढंग से खुली। लोग खरीददाी करते नजर आए। चाय की थडिय़ां भी खुली रही। टेम्पो, ऑटो, सिटी बस भी दौड़ती रही। अलबत्ता कुछ देर के लिए रोडवेज बसों का संचालन जरूर प्रभावित दिखा। मुसाफिरों को थोड़ी परेशानी हुई। लेकिन शाम तक सबकुछ सामान्य हो गया। रेल रूट भी खुले रहे। कहीं से हिंसक वारदात या जबरन बंद की खबरें नहीं मिली। इसके चलते जिला प्रशासन और पुलिस ने चैन की सांस ली।