अकसर हमने अस्पतालों में नवजातों के बदलने और उनके चोरी होने की घटनाएं सुनी और देखी हैं। लेकिन क्या आपने कभी सुना है कि कोख में ही भ्रूण बदल दिया गया हो। जी हां, ऐसा ही हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है न्यूयॉर्क से। दुनियाभर में संभवत: ये अपने आप में पहला ऐसा मामला है, जहां दंपती ने भ्रूण बदलने की शिकायत की है। अब मामला अमरीका की अदालत तक जा पहुंचा है। दरअसल मामला पिछले साल का है। एक एशियाई दंपती एक फर्टिलिटी क्लीनिक में आईवीएफ ट्रीटमेंट के लिए गए थे। महिला ने जुड़वां बच्चों को जन्म दिया। ये दंपती एशिया मूल के थे, लेकिन बच्चे उनके जैसे नजर नहीं आ रहे थे। इसपर डिलीवरी के बाद उन्हें डीएनए टेस्ट करवाया। इस टेस्ट के बाद उनके पैरों तले ये जमीं खिसक गई। दरअसल, दोनों ही बच्चों का डीएनए सैंपल उनसे मैच नहीं करता था। दोनों ही बच्चे अलग-अलग दंपती के थे। इस कारण बच्चों को उन्हें उनके माता-पिता को सौंपना पड़ा। उधर, बच्चों के यूं चले जाने से दंपती बहुत दुखी है। और उसने अब क्लीनिक के खिलाफ लीगल कदम उठाया है। दंपती की शिकायत है कि उन्हें शारीरिक और मानसिक पीड़ा हुई है। उन्हें यह भी नहीं मालूम है कि उनसे भ्रूण कहां हैं क्योंकि क्लीनिक से जुड़े डॉक्टर और स्टाफ जवाब नहीं दे रहे हैं। इस ट्रीटमेंट में दंपती ने 68 लाख रुपये खर्च किए थे, जिसमें डॉक्टर की फीस, दवाएं, जांच और यात्रा का खर्च शामिल है। अब इस दंपती को अदालत से न्याय की उम्मीद है।
क्लीनिक ने नहीं ली जिम्मेदारी दंपति का आरोप है कि जब उन्होंने इसकी शिकायत क्लीनिक प्रशासन और डॉक्टर्स से की तो उन्होंने भी कोई जिम्मेदारी नहीं ली। उनका तर्क था कि सोनोग्राफी में ये पता नहीं लगता कि भ्रूण का डीएनए क्या है। इसलिए वे मामले में कुछ भी करने में समर्थ नहीं हैं।