धौलपुर और अलवर जिले में पंचायत और जिला परिषद के चुनाव तीन चरणों में होंगे। दोनों जिलों में 72 जिला परिषद सदस्य, 504 पंचायत सदस्य, दो जिला प्रमुख, दो उप जिला प्रमुख, 22 प्रधान और 22 उपप्रधान के चुनाव होंगे। इन दोनों जिलों में 27 लाख 2 हजार 791 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे।
इनमें 14 लाख 41 हजार 738 पुरुष और 12 लाख 61 हजार 45 महिला और आठ थर्ड जेंडर है।
4 अक्टूबर से शुरू होंगे नामांकन
अलवर और धौलपुर जिले में हो रहे हो जिला परिषद चुनाव में 4 अक्टूबर से नामांकन की प्रक्रिया शुरू होगी। 8 अक्टूबर को नामांकन की आखिरी तारीख है। 9 अक्टूबर को नामांकन पत्रों की जांच होगी और 11 अक्टूबर को नाम वापसी का दिन है। नाम वापसी के दिन ही प्रत्याशियों की फाइनल सूची जारी होगी और चुनाव चिन्हों का आवंटन किया जाएगा।
तीन चरणों में होंगे चुनाव
अलवर और धौलपुर जिले में पंचायतों जिला परिषद के चुनाव तीन चरणों में होंगे। पहले चरण के लिए मतदान 20 अक्टूबर को होगा। दूसरे चरण के लिए मतदान 23 अक्टूबर को, तीसरे चरण के लिए मतदान 26 अक्टूबर को सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक किया जाएगा। मतगणना 29 अक्टूबर को जिला मुख्यालय पर सुबह 9 बजे से होगी। इसके अलावा जिला प्रमुख और प्रधान का चुनाव 30 अक्टूबर को होगा तो वहीं उप प्रमुख और उपप्रधान का चुनाव 31 अक्टूबर को होगा।
दोनों जिलों में 3641 मतदान बूथ
कोरोना संक्रमण के चलते दोनों जिलों में प्रत्येक मतदान बूथ पर मतदाताओं की संख्या 1000 निर्धारित की गई है। पूर्व में मतदान बूथ सामान्यतः 1100 मतदाताओं की सीमा निर्धारित की गई थी। दोनों जिलों की 760 ग्राम पंचायतों में कुल 3641 मतदान बूथ स्थापित किए जाएंगे। पंचायत और जिला परिषद सदस्य का चुनाव ईवीएम के जरिए सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक होगा।
खर्च सीमा निर्धारित
इधर राज्य निर्वाचन आयोग ने जिला पंचायत सदस्य के लिए चुनावी खर्च सीमा तय की है। जिला परिषद सदस्य के लिए डेढ़ लाख और पंचायत सदस्य के लिए 75 हजार खर्च सीमा रखी गई है। इसके अलावा प्रत्याशी अपने प्रचार के दौरान वाहनों पर लाउडस्पीकर, कट आउट, होर्डिंग, पोस्टर बैनर के प्रदर्शन नहीं कर पाएंगे।
तबादलों पर प्रतिबंध
वहीं राज्य निर्वाचन आयोग ने अलवर और धौलपुर जिले में समस्त विभागों के अधिकारी-कर्मचारियों के तबादले और पदस्थापन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया है।
4 जिलों में कानूनी अड़चन
इधर पंचायत जिला परिषद चुनाव से शेष बच रहे बारां, कोटा, करौली और गंगानगर जिले में भी पंचायत और जिला परिषद के चुनाव होने हैं, लेकिन कानूनी अड़चन के चलते अब इन जिलों में चुनाव कार्यक्रम की घोषणा बाद में की जाएगी।