हीरानंद कटारिया का नाम पुरस्कारों की सूची से हटाए जाने की पुष्टी शनिवार को केंद्रीय खेल मंत्री विजय गोयल ने की। जबकि कटारिया से पहले पैरा स्पोर्टस कोच सत्यनारायण का नाम द्रोणाचार्य पुरस्कारों की सूची से हटाया गया था, क्योंकि सत्यनारायण के खिलाफ अदालत में एक अापराधिक मामला लंबित था। शिनवार को खेल मंत्री ने कहा कि कमेटी ने जिन दो नामों को पुस्कारों की सूची से निकाला है, उसकी जानकारी सभी को है।
इससे पहले कुछ खिलाड़ियों और कोचों ने पूर्व कबड्डी खिलाड़ी और कोच हीरानंद कटारिया के चयन प्रक्रिया पर आश्चर्य जाहिर करते हुए उनकी शिकायत की थी। जिसमें कहा गया था कि कटारिया भारतीय वुशू संघ के भी जॉइंट सेक्रेटरी हैं। जबकि इस मामले पर कबड्डी खिलाडियों ने भी उनके नाम को लेकर अपनी बेखबरी जाहिर की थी। जिसके बाद कटारिया का नाम वापस ले लिया गया।
तो वहीं पुलेला गोपीचंद की अध्यक्षा में गठित कमेटी ने हीरानंद कटारिया के नाम की सिफारिश की थी। जिसे लेकर खेल मंत्री वियल गोयल उनके सुझावों पर अपनी सहमति जताई थी। साथ ही उनका कहना था कि इस मामले में कोई विवाद होता है तो उसकी जांच भी की जाएगी। गौरतलब है कि यह ऐसा पहला मामला नहीं है, जब राष्ट्रीय पुरस्कारों की घोषणा होने के बाद किसी खिलाड़ी का नाम हटाया गया है। इससे पहले भी साल 2013 में अर्जुन अवार्ड के शामिल जंपर रंजीत माहेश्वरी का नाम हटा दिया गया था।