1. रूस-यूक्रेन जंग से Apple डूबी, Saudi Aramco का लाभ 124 फीसदी बढ़ा सऊदी अरब की सरकारी पेट्रोलियम एवं गैस कंपनी को उसे रूस-यूक्रेन के बीच जारी जंग से भारी फायदा हुआ है। रूस और यूक्रेन के बीच महीनों से जारी लड़ाई के कारण क्रूड ऑयल के भाव चढ़े हुए हैं। इसके साथ ही नेचुरल गैस की कीमतें भी आसमान पर हैं। सऊदी अरामको को पिछले साल 110 बिलियन डॉलर का भारी-भरकम प्रॉफिट हुआ था। यह साल 2020 के 49 बिलियन डॉलर के प्रॉफिट की तुलना में 124 फीसदी ज्यादा है।
2. कोविड में चीन के बंद से एप्पल को हुआ नुकसान चीन कोविड -19 लॉकडाउन: बढ़ते कोविड -19 केसों के कारण चीन के प्रमुख शहरों में सख्त तालाबंदी की गई है। एप्पल अपने बहुत सारे उत्पाद चीन में बनाती है। कंपनी ने पहले कहा था कि चीन में तालाबंदी से सप्लाई चेन पर और दबाव पड़ सकता है और जून तिमाही के परिणामों को 4-8 बिलियन डॉलर तक नुकसान पहुंचा सकता है।
3. आईटी में हाई लेबर कॉस्ट: कोविड में आईटी सेक्टर में डिमांड बढ़ने और अधिकांश कंपनियों में वर्क फ्रॉम होम (डब्ल्यूएफएच) की मांग के कारण इस क्षेत्र में लेबर और ऑपरेटिंग कॉस्ट में वृद्धि हुई है। जिसके कारण एप्पल का मुनाफा कम हुआ है।
4. उच्च छंटनी दर: कोविड -19 के प्रकोप के बाद से आईटी सेक्टर की कंपनियों में एट्रिशन रेट हाई लेवल पर है। कर्मचारियों को बनाए रखने के लिए, कंपनियों को अपनी नीतियों में बदलाव करने के लिए कहा गया है, जिससे ऑपरेटिंग कॉस्ट भी अधिक हो गई है।
5. महंगाई: दुनियाभर में महंगाई के आंकड़ेंं करीब उच्चतम स्तर पर देखने को मिल रहे हैं। अमरीका में महंगाई दर 40 साल के उच्चतम आंकड़े 8.5 प्रतिशत को छू गई है। इससे लोग अपनी बुनियादी जरूरत की चीजों को ही खरीदने और उनकों पूरा करने में लगे हैं और निवेश उनकी प्राथमिकता में नहीं रहा है। इस कारण टेक शेयरों की मांग में गिरावट आई है, लेकिन तेल जैसी आवश्यक कमोडिटी के शेयर चढ़े हैं।