(Rajasthan Highcourt) हाईकोर्ट ने (constable recruitment) कांस्टेबल भर्ती -2013 के मामले में एकलपीठ के आदेश को सही मानते हुए कहा है कि आपराधिक मामलों मे (compromise) राजीनामा और (benifit of doubt)संदेह के लाभ के आधार पर (accquit) बरी उम्मीदवार भर्ती के लिए पात्र हैं। न्यायाधीश सबीना और न्यायाधीश नरेन्द्र सिंह की खंडपीठ ने यह आदेश राज्य सरकार की अपील को खारिज करते हुए दिए। अपील में एकलपीठ के गत 12 मार्च के उस आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें एकलपीठ ने आपराधिक मामलों में राजीनामा और संदेह के लाभ के आधार पर बरी उम्मीदवारों को कांस्टेबल भर्ती के लिए पात्र माना था। अपील में कहा गया था कि जो अभ्यर्थी ट्रायल कोर्ट से सीधे दोषमुक्त नहीं हुए हैं, उन्हें भर्ती के लिए पात्र नहीं माना जा सकता। वहीं प्रभावितों की ओर से एडवोकेट विज्ञान शाह ने कहा कि इस संबंध में 28 मार्च 2017 को राज्य सरकार ने सर्कुलर जारी किया था। इसमें कहा गया है कि राजीनामा और संदेह के लाभ के आधार पर बरी अभ्यर्थी कांस्टेबल भर्ती के पात्र हो सकते हैं। इसके अलावा इन अभ्यर्थियों पर झगडा और मारपीट जैसे लघु प्रकृति के मामले ही दर्ज हुए थे। जिसमें भी वे बरी हो चुके हैं।