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बिजली बचत में आडियल बना अरण्य भवन, उर्जा मंत्रालय ने लगाई मुहर

locationजयपुरPublished: Nov 05, 2019 04:07:23 pm

Submitted by:

Bhavnesh Gupta

ग्रीन बिल्डिंग कंसेप्ट पर खरा उतरा अरण्य भवन
उर्जा मंत्रालय की टीम ने इमारत का लिया जायजा
44 प्रतिशत बिजली बचत हुई है अब तक यहां
 

बिजली बचत में आडियल बना अरण्य भवन, उर्जा मंत्रालय ने लगाई मुहर

बिजली बचत में आडियल बना अरण्य भवन, उर्जा मंत्रालय ने लगाई मुहर

जयपुर। उर्जा मंत्रालय बिजली बचत के लिए जयपुर में ग्रीन बिल्डिंग कंसेप्ट को बढ़ावा देने पर काम करेगा। इसके लिए मंत्रालय की टीम पूरी तरह जुट गई है। जयपुर शहर में ऐसी इमारतों को देखा जा रहा है, जो एनर्जी एफिशियेंसी कंसेप्ट पर तैयार की गई है। इसमें मुख्य रूप से वन विभाग का मुख्यालय अरण्य भवन शामिल है। इसे एनर्जी एफिशिसेंट सर्टिफिकेट भी मिल चुका है। टीम के सदस्य, एक्सपर्ट के साथ कई संगठन के प्रतिनिधि अरण्य भवन पहुंचे। यहां भवन निर्माण से जुड़ी तकनीक को समझा। बिल्डिंग के हर फ्लोर पर बिजली बचत से जुड़े काम की पूरी जानकारी ली गई। ब्यूरो आॅफ एनर्जी एफिशियेंसी के निदेशक सौरभ दीदी और बिल्डिंग एनर्जी एफिशियेंसी प्रोजेक्ट से जुड़े डॉ. समीर मैथल ने मौजूदा हालात में ग्रीन बिल्डिंग की बेहद जरूरत जताई। इंटरेक्शन के दौरान वन विभाग के अफसरों ने अरण्य भवन की तर्ज पर ही अन्य इमारतों का निर्माण करने की बात कही है।
यह है खासियत

इस इमारत की दीवारों के बीच 50 एमएम मोटाई में इंसुलेशन भरा गया है। इससे बारह की गर्मी का असर 60 फीसदी तक कम हो गया है। इसके अलावा छत पर भी इसी इंसुलेशन का उपयोग किया गया। यहां सोलर प्लांट के जरिए बिजली का उत्पादन हो रहा है। खिड़की के कांच की गुणवत्ता और उसकी मोटाई भी इमारत में गर्मी का असर कम कर रही है। इस तरह की तकनीक और संसाधनों के जरिए अरण्य भवन अब देश में आइडियल बन गया है। हालांकि, उर्जा मंत्रालय के इस कंसेप्ट पर राजस्थान सरकार कितना काम कर पाती है, इस पर सभी का फोकस है।
इण्डो-स्विस बिल्डिंग एनर्जी एफिशियेंसी प्रोजेक्ट है शामिल

यह भवन इण्डो-स्विस बिल्डिंग एनर्जी एफिशियेंसी प्रोजेक्ट में शामिल है। यहां 44 प्रतिशत उर्जा बचत हो रही है। उर्जा मंत्रालय ने भी उर्जा बचत के लिहाज से इस इमारत को आइडियल डिजाइन के रूप में माना है।

अरण्य भवन का एनर्जी परफोर्मेंस इंडेक्स

-77 किलोवॉट वर्गमीटर हर साल था ईपीआई

-53 किलोवॉट वर्गमीटर प्रति वर्ष हो गया ईपीआई

-3 लाख 40 हजार किलोवॉट हर वर्ष बिजली बचत

-44 प्रतिशत बिजली बचत की गणना की गई
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