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स्कूलों को खोलने की मांग कर निजी स्कूल संचालक क्या बच्चों को मारने पर उतारू हैं – संयुक्त अभिभावक संघ

locationजयपुरPublished: Nov 19, 2020 08:38:42 pm

Submitted by:

Rakhi Hajela

— सेवा के नाम सरकार से राहत लेने वाले स्कूल संचालक अभिभावकों को लूटने का काम कर रहे हैं

स्कूलों को खोलने की मांग कर निजी स्कूल संचालक क्या बच्चों को मारने पर उतारू हैं - संयुक्त अभिभावक संघ

स्कूलों को खोलने की मांग कर निजी स्कूल संचालक क्या बच्चों को मारने पर उतारू हैं – संयुक्त अभिभावक संघ

निजी स्कूल संचालकों ने भले ही अपना धरना और आमरण अनशन समाप्त कर दिया हो लेकिन अब संयुक्त अभिभावक संघ ने निजी स्कूल संचालकों की मांगों को अभिभावकों की एकता टूटने और लूटने की साजिश बताया है। उनका कहना है कि निजी स्कूल संचालक स्कूलों को खोलने की मांग कर ना केवल अभिभावकों के परिवारों को उजाड़ने की साजिश रच रहे हैं, साथ ही देश के भविष्य के साथ भी खिलवाड़ कर बच्चों को जबर्दस्ती मारने पर उतारू हो रहे हैं। संघ ने इन स्कूलों की मान्यता रद्द करने की मांग की है।
संघ प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू और संगठन मंत्री चन्द्रमोहन गुप्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि जो निजी स्कूल संचालक सेवा का नाम लेकर सरकार से राहत लेते हैं कोरोड़ों कि जमीन कोडि़यों के भाव में लेते हैं, वह सभी स्कूल संचालक क्यों अपना अकाउंट सार्वजनिक नहीं करते, उसके बावजूद यह निजी स्कूल संचालक ट्यूशन फीस, स्कूल ड्रेस, किताबें, डायरी, एडमिशन सहित विभिन्न तरह के चार्ज वसूल कर हर साल करोड़ों रुपए कमाते हैं, उसके बावजूद यह लोग बिना सेवा दिए अभिभावकों को लूटने की साजिश रच रहे हैं और अब शिक्षकों की सैलेरी सहित अन्य मांगों के झूठे राग अलाप कर सरकार पर भी जबर्दस्ती दबाव बना रहे हैं।
संयुक्त अभिभावक संघ अल्टीमेटम के साथ सरकार और प्रशासन को देगा ज्ञापन
अध्यक्ष अरविंद अग्रवाल और महामंत्री संजय गोयल ने बताया कि शुक्रवार को संयुक्त अभिभावक संघ एक बार पुनः केंद्र सरकार, राज्य सरकार और प्रशासन को अपना १५ सूत्रीय मांग पत्र अल्टीमेटम के साथ देगा। इस पत्र में पिछले ८ महिनो में अभिभावकों को जो-जो पीड़ाएँ हुई हैं साथ ही कोरोना महामारी से जो समस्या उत्पन्न हुई हैं उन सभी को शामिल किया गया है। शुक्रवार और शनिवार को देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, शिक्षा मंत्री सहित राज्य के राज्यपाल, मुख्यमन्त्री और शिक्षा मंत्री तक को यह ज्ञापन दिया जाएगा। अगर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात का समय निर्धारित होता है तो उनसे मुलाकात कर ज्ञापन पत्र दिया जाएगा।

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