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सेना ने आतंकवादियों से निपटने के बदले तरीके : लेफ्टिनेंट जनरल

locationजयपुरPublished: Feb 23, 2020 05:32:25 pm

पाकिस्तानी ड्रोन की घुसपैठ बंद करने के लिए सेना तैयार

सेना ने आतंकवादियों से निपटने के बदले तरीके : लेफ्टिनेंट जनरल

सेना ने आतंकवादियों से निपटने के बदले तरीके : लेफ्टिनेंट जनरल

बीकानेर. पड़ोसी देश पाकिस्तान छोटे ड्रोन की घुसपैठ पश्चिम सीमा पर कर रहा है। नापाक इरादों से भारत में ड्रग आपूर्ति और छोटे हथियार पहुंचाने के लिए ड्रोन उपयोग में लिए गए हैं। भारतीय सेना ने सिविल एरिया में पड़ोसी ड्रोन की घुसपैठ को गंभीरता से लेते हुए इसे पूरी तरह बंद करने की तैयारी की है। इससे निपटने के तरीकों का अभ्यास भी किया जा चुका है। यह बात भारतीय सेना की दक्षिण पश्चिम कमांड के लेफ्टिनेंट जनरल आलोक क्लेर ने राजस्थान पत्रिका से बातचीत में कही। कमांड के जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल क्लेर ने कहा कि ड्रोन का दो तरह का उपयोग सेना करती है। एक युद्ध के समय और दूसरा अप्रत्यक्ष रूप से। अभी पाकिस्तान सिविल गतिविधि के ड्रोन से हरकतें कर रहा है। ये छोटे ड्रोन है, जो उपयोग में लिए जा रहे है। जिस दिन पड़ोसी ने गलती से भी ड्रोन का सैन्य उपयोग करते हुए भारत में घुसपैठ कर दी, उसका भारतीय सेना का जवाब पड़ोसी पर बहुत भारी पड़ेगा। क्लेर शनिवार को बीकानेर आर्मी स्टेशन में सप्त शक्ति कमांड अलंकरण समारोह में शामिल होने के लिए आए थे।
आतंकवाद से निपटने की रणनीति बदली

लेफ्टिनेंट जनरल क्लेर ने आतंकवाद के सवाल पर कहा कि पश्चिम पड़ोसी देश के आतंकवादियों का मॉड्यूल पूरी तरह पाक आर्मी पैटर्न का है। भारतीय सेना को पुख्ता पता है कि उनके कहां ट्रेनिंक कैम्प है। बालाकोट इसका सटीक उदाहरण भी सामने है। भारतीय सेना और पुलिस आपसी तालमेल से आतंकवादी गतिविधियों को नाकाम कर रही है। सेना ने आतंकवादियों से निपटने की तरीकों को भी बदला है। सेना नए विचार के साथ आतंकवाद को मुंहतोड़ जवाब देने की नीति पर काम कर रही है।
सेना का आधुनीकीकरण

क्लेर ने कहा कि सेना के लिए नए हथियार अन्य देशों से मंगवाए जाते रहे है। इनकी खरीद और राशि खर्च करने की प्रक्रिया को छोटा और सरल बनाने के साथ पारदर्शी बनाया गया है। छोटे-बड़े हथियार लगातार अपग्रेड किए जा रहे हैं। आधुनीकीकरण के तहत मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने का नतीजा है कि पिछले दिनों आर्मी एस्पो में पांच दिन के दौरान 120 एमओयू हुए है। आने वाले दिनों में मेक इन इंडिया में सेना की जरूरत के हथियार देश में बनने शुरू हो जाएंगे।
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