पुलिस पूछताछ में सामने आया कि एकता के अपने पड़ोसी मृतका बालिका के पिता संजय वर्मा से तीन साल से प्रेम प्रसंग चल रहा है। जिसको लेकर संजय वर्मा की पत्नी अनिता द्वारा गत एक साल में एकता के साथ लड़ाई झगड़ा और मारपीट भी हुई। लेकिन एकता और संजय के बीच लगातार प्रेम प्रसंग चलता रहा। अनिता एकता को लोगों के सामने ताने मारती थी। इस बात को लेकर वह अनिता को सबक सिखाना चाहती थी। इसी रंजिश के तहत 4 अप्रेल को एकता अपने घर जा रही थी, तभी बालिका जान्हवी उर्फ डब्बू को आता देख वह उसे पकड़कर अंदर ले गई और अपना म्यूजिक सिस्टम तेज चला दिया। ताकि बालिका के चिल्लाने की आवाज बाहर लोगों को सुनाई ना दे सके। एकता ने अपने घर की रसोई में जान्हवी को जान से मारने की नीयत से लोहे के सरिया से सिर पर वार कर दिया। मुंह और नाक को पांच मिनट से अधिक समय तक दबाकर रखा, जिससे उसकी मौत हो गई। हत्या करने के बाद लाश को जूट के बोरे में डालकर रसोई में ही छिपाए रखा। थोड़ी देर बाद भाई जॉन आशीष को जान्हवी की हत्या और लाश के संबंध में जानकारी दी तो उसने लाश को ठिकाने लगाने के लिए कहा। जॉन आशीष हत्या की बात सुनकर घबरा गया और अपनी बहन को बचाने के लिए अपने नाबालिक छोटे भाई के साथ मिलकर लाश को छिपाने की योजना बनाई। एकता के दोनों भाईयों ने लाश को घर के अंदर से वेन्टीलेशन के लिए छत में बने हुए भाग से छत पर पहुंचाया और गटर और बाथरुम के चैम्बर में डाल दिया। पुलिस ने पांच दिन पहले हुए इस हत्या का पर्दाफाश कर एकता और उसके भाईयों को गिरफ्तार कर लिया।