मामले का खुलासा करते हुए एडिशनल कमिश्नर अजय पाल लांबा ने बताया कि 24 फरवरी को वैशाली के रहने वाले डॉक्टर सुनील सोनी ने रिपोर्ट दर्ज करवाई थी कि उनके घर के बेसमेंट में अज्ञात चोरों ने 26 फीट लंबी और 10 फीट गहरी सुरंग खोदकर एक चांदी का बॉक्स चुरा लिया है। बॉक्स में चांदी की करीब 18 सिल्लियां थी। अब तक की जांच में सामने आया कि शेखर अग्रवाल डॉ सुनीत सोनी का बेहद करीबी था और आरोपी शेखर अग्रवाल ने ही अपने भांजे जतिन जैन के साथ इस चोरी की साजिश रची।
दरअसल शेखर अग्रवाल डॉक्टर सुनील सोनी को सोना चांदी सप्लाई करने का काम करता था। शेखर अग्रवाल को अच्छे से पता था कि डॉक्टर ने बेसमेंट में किस जगह चांदी के बॉक्स गाढ़े हैं, इसीलिए आरोपी शेखर अग्रवाल ने डॉक्टर के ठीक पीछे खाली प्लाट को 97 लाख में खरीदा और 3 महीने तक सुरंग खोदकर वारदात को अंजाम दिया। ऐसा बताया जा रहा है कि बेसमेंट में चांदी के कुछ और भी बॉक्स थे जिसे चोरी करने में आरोपी नाकामयाब हो गए।
वहीं पुलिस ने जिन चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है उनमें से बनवारी के नाम पर आरोपी शेखर ने 97 लाख का प्लॉट खरीदा था। वहीं अन्य 3 आरोपियों ने सुरंग खोदने में मदद की थी। बताया जा रहा है कि मास्टरमाइंड जतिन जैन पहले बैंकॉक में गोल्ड तस्करी के मामले में गिरफ्तार हो चुका है। माना जा रहा है कि वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी शेखर अग्रवाल ने अपने कर्जदारों को यह चांदी बांट दी, क्योंकि पुलिस की तफ्तीश में सामने आरोपी शेखर अग्रवाल पर करोड़ों रुपए का कर्जा था, इसी को उतारने के लिए उसने इस वारदात की साजिश को रचा।