जेकेके की महानिदेशक किरण सोनी गुप्ता ने बताया कि प्रतिभागियों को अपनी एंट्रीज चार चरणों में प्रस्तुत करनी थी। पहला चरण- माध्यम पर रेखा चित्र, दूसरा चरण- 20 प्रतिशत कार्य पूरा होने पर, तीसरा चरण- 50 प्रतिशत कार्य पूरा होने पर और अंतिम चरण- पूरा कार्य समाप्त होने के बाद। उन्होंने कहा कि इन कृतियों का चयन, गठित चयन समीति द्वारा किया जाएगा। समिति द्वारा चयनित श्रेष्ठ प्रथम कृति के कलाकार को 10 हजार रुपए, द्वितीय श्रेष्ठ कृतियों के 2 कलाकारों को 7 हजार रुपए प्रति कलाकार, तृतीय श्रेष्ठ कृतियों के 3 कलाकारों को 5 हजार रुपए प्रति कलाकार दिए जाएंगे। इसके अलावा 3500 रुपए के 7 सांत्वना पुरस्कार एवं अन्य सभी चयनित प्रतिभागियों को 2500 रुपए प्रति कलाकार दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि यह कृति लॉकडाउन अवधि के दौरान ही बनाई गई हो ताकि कलाकारों को प्रोत्साहित किया जा सके।
‘ऑनलाइन लर्निंग चिल्ड्रन्स समर फेस्टिवल’ बना नई मुहीम
उल्लेखनीय है कि जवाहर कला केंद्र की ओर से हर साल आयोजित किए जाने वाले ‘चिल्ड्रन्स समर फेस्टिवल’ का आयोजन इस साल ऑनलाइन किया गया है। जिसके चलते जेकेके के फेसबुक पेज पर लाइव तरीके से प्रतिभागियों को विभिन्न कलाओं का पाठ पढ़ाया जा रहा है। ऐसे में प्रतिभागी घर बैठे गायन, वादन, नृत्य और थिएटर की जानकारी हासिल कर रहे हैं। इस नई मुहीम के चलते एक तरफ जहां प्रतिभागियों को विभिन्न कलाओं की जानकारी मिल रही है, वहीं शहर के कलाकारों को भी रोजगार मिल रहा है। ‘चिल्ड्रन्स समर फेस्टिवल’ आगामी 27 जून तक आयोजित किया जाएगा।
‘मुख्यमंत्री प्रोत्साहन योजना’ से कलाकारों को मिला सराहा पिछले दिनों राज्य के कला, साहित्य और संस्कृति विभाग ने भी कोरोना के कारण मुश्किल और विषम परिस्थितियों का सामना कर रहे ग्रामीण क्षेत्रों के लोक कलाकारों के लिए ‘मुख्यमंत्री लोक कलाकार प्रोत्साहन योजना’ की शुरुआत की। जिसके जरिए ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोक—कलाकारों को प्रोत्साहित किया गया। कला, साहित्य और संस्कृति मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला ने इस योजना के बारे में बताया कि प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसे अनेक लोक कलाकार हैं, जो लोक कलाओं की सुरभि बिखेर कर अपनी आजीविका चलाते हैं। प्रदेश की लोक संस्कृति और कला को जीवंत बनाए रखने में अपना सतत योगदान देने वाले ऐसे कलाकारों को कोरोना के कारण उत्पन्न स्थितियों में यथासम्भव सहायता और सम्मान देने के लिए कला एवं संस्कृति विभाग ने यह अनूठी योजना तैयार की है। प्रदेश के कलाकारों ने इस मुहीम पर खुशी जाहिर की है। साथ ही जवाहर कला केंद्र की ओर से आयोजित किए जा रहे ‘ऑनलाइन लर्निंग चिल्ड्रन्स समर फेस्टिवल’ के आयोजन को भी सराहनीय कदम बताया है। कलाकारों का कहना है कि इस प्रकार की योजना कलाकारों के लिए रंग ला रही है।
चयनित प्रविष्टियों पर मिलेगा भुगतान
डॉ. कल्ला ने बताया कि कोरोना महामारी के चलते राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोक कलाकारों को संरक्षण प्रदान कर उनको प्रोत्साहन करने के उद्देश्य से लागू की गई है। यह योजना कला एवं संस्कृति विभाग की अनुदान योजना के तहत संचालित होगी और इसके तहत चयनित प्रविष्टियों के लिए लोक कलाकारों को निर्धारित दरों पर भुगतान किया जाएगा। योजना के लिए रवीन्द्र मंच जयपुर को नोडल एजेंसी बनाया गया है।