जयपुर लेखक, कवि, सिंगर और कम्पोजर के साथ-साथ पेंटिंग का शौक रखने वाले आईएएस मनोज कुमार शर्मा ने यहां जवाहर कला केंद्र की पारिजात आर्ट गैलेरी में अपनी अभिव्यक्ति को नया आयाम दिया। उन्होंने माक्र्स विद् मार्कर नामक एग्जिबिशन में अपनी तूलिका का प्रदर्शन करते हुए मानवीय संवेदनाओं को अनूठे अंदाज में उकेरा। एग्जिबिशन का उद्घाटन कला, साहित्य एवं संस्कृति विभाग के प्रमुख शासन सचिव कुलदीप रांका ने किया। इस मौके पर शहर की कलाजगत की हस्तियां भी मौजूद रहीं। एग्जिबिशन में पद्मश्री कालबेलिया डांसर गुलाबो, वरिष्ठ शायर लोकेश कुमार सिंह ‘साहिलÓ सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे। एग्जिबिशन में मनोज कुमार शर्मा ने करीब २० से अधिक पेंटिंग्स में कन्या भ्रूण हत्या, पर्यावरण और संस्कृति के मूल्यों की रक्षा से संबंधित विषयों को अपनी पेंटिंग्स का मूल आधार बनाया। उन्होंने इन पेंटिंग्स में बिना रंगों के सिर्फ मार्कर पैन की सहायता से अपनी अभिव्यक्ति को दर्शाया। मनोज कुमार शर्मा ने बताया कि मार्कर पैन एेसा मीडियम है जिसका ज्यादातर कम यूज किया जाता है। लेकिन फिर भी कलाकार अपनी अभिव्यक्ति को इसके माध्यम से जाहिर करता है। इसी कड़ी में मैंने उन सवालों को पेंटिंग्स के माध्यम से उठाने की कोशिश की है जो इन दिनों जगजाहिर है। उन्होंने कहा कि मेरी एक पेंटिंग में एक तरफ मोबाइल है तो दूसरी तरफ किताब, जिसके माध्यम से अंदाजा लगाया जा सकता है कि वक्त के साथ दुनिया कितनी बदलती जा रही है। इसी तरह एक पेंङ्क्षटग में दर्शाया गया है कि पहले ऊंट सवारी के रूप में काम आता था और अब ऊंट को गाड़ी में ले जाया जा रहा है। इसके अलावा उन्होंने बढ़ते अतिक्रमण पर कटाक्ष करते हुए बताया है कि आजकल हमारे अतिक्रमण की वजह से चीतों का शहरों की ओर आगमन हो रहा है।