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कला को संजोए बैठे संग्रहालय

locationजयपुरPublished: Aug 24, 2019 03:03:49 pm

Submitted by:

Kiran Kaur

दुनियाभर में ऐसे कई संग्रहालय हैं, जो अपने पास कला, संस्कृति, इतिहास से जुड़ी ढेरों कलात्मक रचनाओं को संजोएं बैठे हैं। इन संग्रहालयों में पेरिस के लूव्र संग्रहालय से लेकर लंदन के टेट मॉर्डन संग्रहालय तक शामिल हैं।

कला को संजोए बैठे संग्रहालय

कला को संजोए बैठे संग्रहालय

दुनियाभर में ऐसे कई संग्रहालय हैं, जो अपने पास कला, संस्कृति, इतिहास और विज्ञान से जुड़ी ढेरों कलात्मक रचनाओं को संजोएं बैठे हैं। इन संग्रहालयों में पेरिस के लूव्र संग्रहालय से लेकर लंदन के टेट मॉर्डन संग्रहालय तक शामिल हैं।
द लूव्र: दुनिया के लोकप्रिय संग्रहालयों में से एक फ्रांस का द लूव्र म्यूजियम है। यह दुनिया का सबसे बड़ा कला संग्रहालय है। पेंटिंग्स, मूर्तियां, स्कैच, मिट्टी के बरतन और पुरातात्विक कलाकृतियां इस संग्रहालय का हिस्सा हैं। यह संग्रहालय पेरिस का प्रमुख दर्शनीय स्थल है। यह सीन नदी के दाहिने किनारे पर स्थित है।
नेशनल म्यूजियम ऑफ चाइना: चीन का ‘नेशनल म्यूजियम ऑफ चाइना’ दुनियाभर में मशहूर है। यह बीजिंग के तियानानमेन स्क्वायर में स्थित है, जो सात लाख वर्ग फुट में फैला है। इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को शिक्षित करना और इतिहास व चीनी कला को बढ़ावा देना है। हर साल यहां लगभग 80 लाख पर्यटक आते हैं।
वेटिकन संग्रहालय: इटली स्थित वेटिकन संग्रहालय भी विश्व प्रसिद्ध संग्रहालय है। दुनियाभर में पुनर्जागरण कला की सबसे प्रसिद्ध मूर्तियों और महत्त्वपूर्ण कृतियों से यह भरा हुआ है। यह 16 वीं शताब्दी की शुरुआत में स्थापित किया गया था। यहां लगभग 54 गैलरीज हैं। यह अपनी डब्ल स्पाइरल सीढिय़ों के लिए भी जाना जाता है।
शंघाई विज्ञान और प्रौद्योगिकी संग्रहालय: चीन में सबसे ज्यादा विजिट किए जाने वाले संग्रहालयों में से एक है। इसे वर्ष 2001 में आम जनता के लिए खोला गया। जिसकी शुरुआती थीम प्रकृति, मानव जाति व प्रौद्योगिकी थीं। इसके पहले पांच प्रदर्शनी हॉल स्वर्ग, पृथ्वी, जीवन, बुद्धि, रचनात्मकता और भविष्य को समर्पित थे।
नेशनल म्यूजियम ऑफ नेचुरल हिस्ट्री : यह म्यूजियम फ्रांस में स्थित है। इसकी स्थापना 1635 में राजा लुईस 13वें ने औषधीय पौधों के शाही बगीचे के रूप में की थी और 1793 में क्रांति के बाद इसे अपने वर्तमान रूप और वर्तमान शीर्षक के तहत पुनर्गठित किया गया था। वर्ष 1910 में खुला यह म्यूजियम पौधों, जानवरों, जीवाश्मों, खनिजों, चट्टानों, उल्कापिंडों, मानव अवशेषों और कलाकृतियों के नमूनों का संग्रहालय है।
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