लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड में भी दर्ज महेश चंद जांगिड़ के बेटे मोहित जांगिड़ बताते हैं कि, उनके पिता को 1996 में इंडियन रिकार्ड लिम्का बुक ऑफ वर्लड रिकार्ड से भी नवाजा जा चुका है। इसमें जांगिड़ ने चंदन की लकड़ी से बिना जोड़ वाली 160 मिलीग्राम की 315 मी.मी. लम्बी चेन बनाई थी। 1998 में फिर चंदन की लकड़ी की बिना जोड़ वाली 12 ग्राम वजन और 496 कडिय़ों वाली चेन बनाई। इनका नाम यूनिक वल्र्ड रिकार्ड व इंडिया बुक ऑफ वल्र्ड रिकार्ड में भी दर्ज है।
देश विदेश मे बनी पहचान महेश चंद जांगिड़ ने 1996 में फ्रांस फेस्टिवल नेनटास ट्रेड एग्जिबिशन, 1998 में इंदिरा गांधी मेमोरियल ट्रस्ट नई दिल्ली एग्जीबिशन में भाग लिया। 1997 में मिनी मॉडल ताजमहल बनाया। जांगिड़ ने पोलेंड, हंगरी, स्विट्जरलैंड के जनेवा फैस्टिवल आदि जगहों पर अपनी कला का प्रदर्शन कर चुके हैं। डिस्कवरी इंडिया मैग्जीन में भी जांगिड़ की कला को स्थान मिल चुका है। 1993 तात्कालीन राष्ट्रपति से सम्मानित, 1996 में लिम्का बुक ऑफ वल्र्ड रिकार्ड से सम्मानित हो चुके हैं।
बेटे भी बेहतरीन कलाकार महेश चंद के बेटे मोहित व रोहित भी इस कला में नाम कमा रहे हैं। मोहित ने राम दरबार की झरोखा कृति भी बनाई है और स्टेट अवार्ड भी प्राप्त किया है। इन्होंने पोर्टेबल वायलिन भी बनाया है। दूसरे बेटे रोहित ने चंदन की लकड़ी पर कार्विंग का कार्य कर ईसा मसीह का झरोखा बनाया है, जिसे राज्य स्तरीय हस्त शिल्प कला प्रदर्शनी के लिए चयनित किया जा चुका है। रोहित भी जोधपुर में स्टेट अवार्ड प्राप्त कर चुके हैं। दोनों भाई ही कई अन्य पुरस्कार प्राप्त कर चुके हैं।