scriptस्वतंत्रता दिवस से 10 दिन पहले ही लहराया तिरंगा, जश्र में डूबे लोग, दरगाह दीवान ने पीएम के लिए कह दी ये बड़ी बात | Article 370: Article 370 Jammu Kashmir Effects in Rajasthan | Patrika News
जयपुर

स्वतंत्रता दिवस से 10 दिन पहले ही लहराया तिरंगा, जश्र में डूबे लोग, दरगाह दीवान ने पीएम के लिए कह दी ये बड़ी बात

Article 370: जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35ए ( article 370 ) हटाए जाने का जश्न पूरा देश मना रहा है, लेकिन यह दिन राजस्थान के लिए और भी ज्यादा खास है क्योंकि कश्मीर के लाल चौक पर आखिरी बार 26 जनवरी 2011 के दिन तिरंगा फहराया गया था और इस काम को राजस्थान के युवाओं ने अंजाम दिया था…

जयपुरAug 06, 2019 / 02:37 pm

dinesh

jashn-e-Azadi

ghar- ghar tiranga har ghar tiranga

जयपुर। जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35ए ( Article 370 ) हटाए जाने का जश्न पूरा देश मना रहा है, ऐतिहासिक फैसले का असर जयपुर में भी रहा। दिनभर चर्चाओं के बाद शाम को जगह—जगह जश्न मनाने के नजारे दिखे। लेकिन यह दिन राजस्थान के लिए और भी ज्यादा खास है क्योंकि कश्मीर के लाल चौक पर आखिरी बार 26 जनवरी 2011 के दिन तिरंगा फहराया गया था और इस काम को राजस्थान के युवाओं ने अंजाम दिया था। इसमें और भी बड़ी बात यह थी कि लाल चौक पर फहराया गया यह तिरंगा कोटा में काता और बुना गया था। जिसने प्रदेश का मान और बढ़ा दिया।
लाल चौक पर झंडा फहराने के लिए अलगाववादियों और राष्ट्रवादियों के बीच लम्बे समय से कशमकश रही है। वर्ष 2011 में भाजयुमो के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुराग ठाकुर ने लाल चौक पर तिरंगा फहराने का आह्वान कर कोलकता से श्रीनगर तक राष्ट्रीय एकता यात्रा निकाली। जवाब में कश्मीर के सभी अलगाववादी संगठनों, जिनमें जेकेएलएफ और हुर्रियत कांफ्रेंस प्रमुख थे, ने चुनौती देते हुए कहा कि अगर किसी में दम है तो वह आकर दिखाए। यहां खून की नदियां बहेगी, यह हिंदुस्तान नहीं है। टकराव के हालात पैदा होते देख लाल चौक ही नहीं पूरे जम्मू कश्मीर को संगीनों के साए में ले लिया गया। भाजपा के दिग्गज नेताओं का पूरा जत्था कश्मीर में घुसते ही हिरासत में ले लिया गया।

पीएम ने वादा पूरा किया : दरगाह दीवान
अजमेर में ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह के दीवान सैयद जैनुअल आबेदीन अली ने कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाने के फैसले को ऐतिहासिक करार देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश की जनता से जो वादा किया था वह पूरा करके दिखाया है। इसके लिए देश की संसद, प्रधानमंत्री और गृहमंत्री बधाई के पात्र हैं। दरगाह दीवान ने सोमवार पत्रकारों से बातचीत में कहा अनुच्छेद 35 ए पिछले 70 साल से विवादास्पद रहा है। 1949 में इसे अस्थाई तौर पर जोड़ा गया था। उन्होंने कहा कि देश और विदेशों में रहने वाले मुसलमान और देश की जनता भी इस फैसले को लेकर सरकार केसाथ है।
तीन महीने जेल में रहे थे दाऊजी
कश्मीर में धारा 370 के विरोध से कोटा का कनेक्शन भी सामने आया है। कोटा के सांसद रहे दाऊदयाल जोशी 1953 में इसी मसले पर श्यामाप्रसाद मुखर्जी के आंदोलन में शामिल होकर 3 महीने जेल में रहे। जेल में उनको प्रतिदिन 10 किलो अनाज पीसना पड़ता था। पूर्व सांसद जोशी के पुत्र वैद्य मृगेन्द्र जोशी ने बताया कि वे 18 वर्ष की उम्र तक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक बन गए थे।
दो दिन की हिरासत फिर डिपार्चर
लोकेन्द्र राजावत बताते हैं कि लाल चौक पर तिरंगा फहरते ही चारों तरफ हडक़ंप मच गया।कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर राम मुंशीबाग थाने ले जाया गया। केंद्रीय गृह मंत्रालय के दखल के बाद 28 जनवरी को जम्मू कश्मीर पुलिस ने अपने खर्च पर ट्रेन का टिकट कराकर स्टेट से घरों को रवाना कर दिया। 
झुंझुनूं की वीरांगनाएं बोली, साहस वाला फैसला
जम्मू कश्मीर मामले पर घोषणा होते ही शेखावाटी में खुशियां छा गई। लोगों ने आतिशबाजी कर मिठाई खिलाई। सांझी छत सैनिक बालिका छात्रावास में रहने वाली शहीद की वीरांगना सुनील कंवर, बदामी देवी, किरण देवी, रोशन देवी, सुनीता आदि ने सरकार के निर्णय की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को इसके लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह फैसला ऐतिहासिक है। इसे पूरा भारत सदियों तक याद रखेगा। यह हमारे जाबांजों को सच्ची श्रद्धांजलि है। हमारे जिले के लाडले सबसे ज्यादा जम्मू कश्मीर में ही शहीद हुए हैं।
आंखों से छलके आंसू
श्रीगंगानगर के जैतसर में करीब छह दशक से विस्थापन का दर्द झेल रहे कश्मीरी ब्राह्मणों ने प्रसन्नता व्यक्त की है। कस्बे के शिव मंदिर प्रांगण में सोमवार शाम कश्मीरी विस्थापित ब्राह्मण समाज की बैठक डालीराम शर्मा की अध्यक्षता में हुई। इसमें वक्ताओं कहा कि उनके पुनर्वास की समस्या का निराकरण हो सकेगा व विस्थापित पुन: परिजनों के साथ जम्मू कश्मीर में स्थाई तौर पर रह सकेंगे। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के निर्णय का मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के प्रतिनिधियों ने भी स्वागत किया है। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की गोसेवा इकाई के राष्ट्रीय सह-संयोजक हाजी दादू खान जोइया ने कहा कि अब देश में एक संविधान लागू होगा।
कबूली चुनौती
भाजयुमो महिला मोर्चा की दिल्ली इकाई के पदाधिकारियों व राजस्थान के युवा कार्यकर्ताओं ने यहां तिरंगा फहराने की ठान ली। चप्पे-चप्पे पर पुलिस और सुरक्षा बलों को छकाते हुए राजस्थान के युवा लालचौक पहुंच गए और 26 जनवरी 2011 की सुबह कोटा से खरीदकर लाए तीनों तिरंगे निकालकर हवा में फहराना शुरू कर दिया।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो