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Artificial Intelligence : अब यूं जान सकेंगे किसी के चेहरे के एक्सप्रेशन

locationजयपुरPublished: Oct 24, 2019 08:19:28 pm

Submitted by:

Arvind Palawat

Artificial Intelligence आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) टेक्नोलॉजी दुनियाभर में रेवेल्यूशनरी चेंज ला रही है। आजकल ज्यादातर कंपनियां एआई पर फोकस कर रही हैं। कहा जा रहा है कि एआई, मशीन लर्निंग, डेटा एनालिसिस जैसी टेक्नोलॉजी आने वाले समय में पूरा सिनेरियो ही चेंज कर देंगी।

Artificial Intelligence : अब यूं जान सकेंगे किसी के चेहरे के एक्सप्रेशन

Artificial Intelligence : अब यूं जान सकेंगे किसी के चेहरे के एक्सप्रेशन

जयपुर. Artificial Intelligence (एआई) टेक्नोलॉजी दुनियाभर में रेवेल्यूशनरी चेंज ला रही है। आजकल ज्यादातर कंपनियां एआई पर फोकस कर रही हैं। कहा जा रहा है कि एआई, मशीन लर्निंग, डेटा एनालिसिस जैसी टेक्नोलॉजी आने वाले समय में पूरा सिनेरियो ही चेंज कर देंगी। जयपुर के 17 साल के यंग एंटरप्रेन्योर आर्यन सिंह ने इसी आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की मदद से ह्यूमन बिहेवियर को समझने की तकनीक विकसित की है। इसके जरिए कैमरा और माइक्रोफोन के माध्यम से व्यक्ति के चेहरे को पढ़ा जा सकेगा। इससे यह ऑब्जर्व किया जा सकेगा कि किसी प्रोडक्ट को देखने के बाद एक व्यक्ति का व्यवहार कैसा था? यानी कि वह प्रोडक्ट को देखकर खुश था, या दुखी था या फिर उसके मन में प्रोडक्ट देखकर कोई प्रतिक्रिया नहीं थी। साथ ही यदि स्टूडेंट कुछ बोल रहा है तो उसका क्या मतलब है। इन तकनीक में इसकी विस्तृत रिपोर्ट तैयार हो जाती है।
यूं समझे इस नई तकनीक को
एआई के माध्यम से चेहरे के भावों को पढऩा आसान होगा। उदाहरण के लिए किसी कपड़े या किसी विज्ञापन को देखने के बाद व्यक्ति ने क्या महसूस किया? इससे रिटेल मार्केट की कंपनियों को उसके बारे में पता चलेगा। आर्यन ने बताया कि इस तकनीक के तहत कैमरा और माइक्रोफोन को सरकारी कार्यालयों के स्वागत कक्ष में लोगों का फीडबैक जानने, शॉपिंग मॉल, होटल, कैश काउंटर, रेस्टोरेंट या इवेंट में इंस्टॉल किया जा सकता है। इसके जरिए यह पता लगाया जा सकेगा कि व्यक्ति ने संबंधित जगहों की सर्विसेज को पसंद किया या नहीं।
88 प्रतिशत है एक्यूरेसी
एआई एक्सपर्ट आर्यन कहते है कि उन्होंने इस तकनीक को सिद्धार्थ नगर स्थित अपनी ही लैब में तैयार किया है। जिसकी एक्यूरेसी 88 प्रतिशत आई है। आर्यन एमएनआईटी सहित देश के विभिन्न कॉलेजों में एआई पर अपने रिसर्च साझा कर चुके हैं। साथ ही पिछले दिनों यूएस में भी उन्होंने इस तकनीक पर किए गए काम को साझा किया।

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