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खरबूजे के बीज पर उकेरी कुरान की आयतें

locationजयपुरPublished: Jul 17, 2019 11:39:29 pm

Submitted by:

Suresh Yadav

विरसा में कैलिग्राफी व पांडुलिपि एग्जिबिशन ने कलाप्रेमियों को किया आकर्षित

exhibition in jaipur

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जयपुर।
जवाहर कला केंद्र में चल रहे विरसा-2019 समारोह के तहत टोंक के मौलाना आजाद अरबी फारसी शोध संस्थान की ओर से लगाई गई कैलिग्राफी व पांडुलिपि एग्जिबिशन कलाप्रेमियों को खासा आकर्षित कर रही है। एग्जिबिशन के तहत जहां अलंकार म्यूजियम में दुर्लभ फोटोग्राफ्स को डिस्प्ले किया गया है, वहीं महात्मा गांधी के नेतृत्व में आरम्भ हुई दांडी यात्रा और 1857 की क्रांति में राजस्थान के योगदान से संबंधित महत्वपूर्ण दस्तावेजों को दर्शाया गया है।
जवाहर कला केंद्र के अतिरिक्त महानिदेशक फुरखान खान ने बताया कि राजस्थान के विरासत मूल्यों पर आधारित 12 दिवसीय समारोह ‘विरसा-2019Ó के तहत एग्जिबिशन में राजस्थान के स्वतंत्रता सेनानियों के फोटोग्राफ्स और उनके संक्षिप्त विवरण भी देखने योग्य है।
कैलिग्राफी एग्जिबिशन में जहां एक बाल पर मुगल बादशाह बाबर, हुमायूं, अकबर, जहांगीर, शाहजहां और औरंगजेब के नाम को उकेरा गया, वहीं दूसरी तरफ मूंगदाल और खरबूजे के बीज ( Seed of Melon) पर कुरान की आयतें और टोंक नवाब के नाम भी कैलिग्राफी शैली में दर्शाए गए हैं। एग्जिबिशन में बेगम समरू पर लिखी किताब जैब उत तवारीख का अंश भी डिस्प्ले किया गया है।
साथ ही टोंक स्थित विश्व की सबसे बड़ी हस्तनिर्मित कुरान शरीफ पर 7 से 8 मिनिट की ऑडियो-विडियो प्रेजेंटेशन भी कलाप्रेमियों को पसंद आ रहा है। एग्जिबिशन के तहत कैलिग्राफी की बेहतरीन कलाकृतियां और मुगलकाल के दस्तावेज डिस्प्ले किए गए है। अलंकार आर्ट गैलेरी में चल रही इस एग्जिबिशन में संस्थान के स्टूडेंट्स ने पेपरमेशी के ग्लास, प्लेट, लैम्ब और गुलदान आदि डिस्प्ले किए हैं।
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