संगठन खड़ा करने और कार्यकर्ताओं से जमीनी फीडबैक के लिए हाल ही में जयपुर दौरे पर आए ओवैसी ने 2 दिन तक समर्थकों और बुद्धिजीवियों के साथ मंथन किया था और पार्टी की संभावनाएं तलाशी थीं।
रिटायर्ड नौकरशाह को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने की चर्चा
विश्वस्त सूत्रों की माने तो असदुद्दीन ओवैसी की नजर इन दिनों राजस्थान में रिटायर्ड अल्पसंख्यक अधिकारियों के साथ-साथ कई बुद्धिजीवियों और उद्योगपतियों पर भी है। चर्चा यह भी है कि असदुद्दीन ओवैसी राजस्थान में अपनी पार्टी की कमान एक रिटायर्ड नौकरशाह को देने की तैयारी में है।
इस नौकरशाह और ओवैसी के बीच पुराने घनिष्ठ संबंध रहे हैं। इसके अलावा चर्चा यह भी है कि कई रिटायर्ड नौकरशाह को ओवैसी अपनी पार्टी के बैनर तले विधानसभा चुनाव में उतारना भी चाहते हैं।
35 से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने की चर्चा
बताया जा रहा है कि असदुद्दीन ओवैसी और उनके थिंक टैंक ने राजस्थान की करीब 35 से ज्यादा अल्पसंख्यक बाहुल्य सीटों का रोडमैप तैयार किया है, जहां पर पार्टी अपने प्रत्याशी उतारेगी। हालांकि चर्चा यह भी है कि आदिवासी अंचल में ओवैसी बीटीपी या अन्य दूसरे दलों के साथ भी गठबंधन करके प्रत्याशी खड़े कर सकते हैं।
जून माह से शुरू होंगी संगठनात्म गतिविधियां
असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एमआईएम की राजस्थान में मजबूती से उतरने की कवायद के मद्देनजर संगठन को मजबूत करने के साथ-साथ संगठन गतिविधियां भी जून माह से शुरू कर दी जाएंगी, जिसके तहत जिन-जिन सीटों पर पार्टी को चुनाव लड़ना है उन सीटों पर नुक्कड़ सभाएं और रोड शो शुरू कर दिए जाएंगे।
ओवैसी की एंट्री से कांग्रेस में चिंता
इधर राजस्थान में ओवैसी की एंट्री से प्रदेश कांग्रेस के नेताओं के माथे पर चिंता की लकीरें हैं। दरअसल कांग्रेस को चिंता इस बात की है कि ओवैसी की आने के बाद उनके परंपरागत वोट बैंक में कहीं सेंध नहीं लग जाए, हालांकि पार्टी के एक धड़े का यह भी कहना है कि पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश की तरह राजस्थान में भी ओवैसी को कोई फायदा नहीं होने वाला है और यहां सीधा मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी के बीच ही होगा।
लगातार दौरे कर रहे हैं ओवैसी
राजस्थान में अपनी पार्टी के लिए नई चुनावी जमीन तलाशने के लिए असदुद्दीन औवेसी लगातार जयपुर के दौरे करके कांग्रेस से अंसतुष्ट नेताओं और कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर रहे हैं। गौरतलब है कि पिछले तीन साल में सत्ता और संगठन में अपनी उपेक्षा से नाराज होकर कांग्रेस से जुड़े नेताओं ने दिल्ली जाकर औवेसी को राजस्थान आने का न्यौता दिया था, जिसके बाद से ही औवेसी जयपुर आकर समर्थकों और कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर रहे हैं।