3 साल और अधिकतम उम्र कैद की हो सकती है सजा
आसाराम को इस केस में न्यूनतम 3 साल और अधिकतम उम्र कैद की सजा हो सकती है, लेकिन जो भी सजा होगी, आसाराम ने जितने साल जेल में बिताए हैं, वो सजा कम हो जाएगी।
आसाराम को इस केस में न्यूनतम 3 साल और अधिकतम उम्र कैद की सजा हो सकती है, लेकिन जो भी सजा होगी, आसाराम ने जितने साल जेल में बिताए हैं, वो सजा कम हो जाएगी।
तो क्या बरी होने पर जेल से छूट जाएगा आसाराम
यदि आसाराम इस केस में बरी भी हो जाते हैं, तो भी वो जेल से नहीं छूटेंगे। आसाराम को दूसरे केस लिए अहमदाबाद पुलिस को सौंप दिया जाएगा। आसाराम पर 15 और 16 अगस्त 2013 की रात एक लडक़ी ने सनसनीखेज़ आरोप लगाया था। आरोप है कि जोधपुर के एक फार्म हाउस में आसाराम ने इलाज के बहाने उसका यौन उत्पीडऩ किया था।
यदि आसाराम इस केस में बरी भी हो जाते हैं, तो भी वो जेल से नहीं छूटेंगे। आसाराम को दूसरे केस लिए अहमदाबाद पुलिस को सौंप दिया जाएगा। आसाराम पर 15 और 16 अगस्त 2013 की रात एक लडक़ी ने सनसनीखेज़ आरोप लगाया था। आरोप है कि जोधपुर के एक फार्म हाउस में आसाराम ने इलाज के बहाने उसका यौन उत्पीडऩ किया था।
दिल्ली के कमलानगर थाने में 19 अगस्त 2013 को आसाराम के खिलाफ ज़ीरो नंबर की एफआईआर दर्ज हुई। एफआईआर में आईपीसी की धारा 342, 376, 354-ए, 506, 509/34, जेजे एक्ट 23 व 26 और पोक्सो एक्ट की धारा 8 के तहत केस दर्ज हुआ और 31 अगस्त 2013 को इंदौर से आसाराम को गिरफ्तार कर लिया गया।
जो भी फैसला होगा, मंजूर है
आसाराम के भाग्य का फैसला कल होगा। इससे पहले आसाराम शांत है। जब सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करने जिला कलक्टर रविकुमार सुरपुर व पुलिस उपायुक्त अमनदीपसिंह सेंट्रल जेल पहुंचे, तो आसाराम वहां मिल गया। इस दौरान कलक्टर ने हल्के अंदाज में पूछा, ‘बापू कैसे…। फैसले को लेकर क्या सोच रहे हो। इस पर आसाराम रामचरितमानस की चौपाई बोलने लगा- होई है वही जो रचि राखा। आसाराम ने कहा कि वह और उसके समर्थक गांधीवादी हैं और हिंसा में विश्वास नहीं रखते। जो भी फैसला होगा, उसे मंजूर है। जेल प्रशासन की मानें तो आसाराम फैसले को लेकर उत्सुक जरूर है, लेकिन उसके चेहरे पर फिलहाल किसी प्रकार की शिकन नहीं है।
आसाराम के भाग्य का फैसला कल होगा। इससे पहले आसाराम शांत है। जब सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करने जिला कलक्टर रविकुमार सुरपुर व पुलिस उपायुक्त अमनदीपसिंह सेंट्रल जेल पहुंचे, तो आसाराम वहां मिल गया। इस दौरान कलक्टर ने हल्के अंदाज में पूछा, ‘बापू कैसे…। फैसले को लेकर क्या सोच रहे हो। इस पर आसाराम रामचरितमानस की चौपाई बोलने लगा- होई है वही जो रचि राखा। आसाराम ने कहा कि वह और उसके समर्थक गांधीवादी हैं और हिंसा में विश्वास नहीं रखते। जो भी फैसला होगा, उसे मंजूर है। जेल प्रशासन की मानें तो आसाराम फैसले को लेकर उत्सुक जरूर है, लेकिन उसके चेहरे पर फिलहाल किसी प्रकार की शिकन नहीं है।