उन्होंने कहा कि गहलोत सरकार ने आशा सहयोगिनियों से उनकी मांगों को पूरा करने का वादा किया था, अब सरकार वादाखिलाफी क्यों कर रही है। इससे गहलोत सरकार की संवेदनहीनता जाहिर होती है। मुख्यमंत्री गहलोत ने किसानों, युवाओं से भी वादाखिलाफी की है, जिसका जनता आगामी निकाय, पंचायतीराज, विधानसभा उपचुनाव और विधानसभा चुनाव में कड़ा जवाब देगी।
सरकार का कृत्य निंदनीय उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि किसानों के धरने को केन्द्र सरकार को बार-बार संवेदनहीनता का पाठ पढ़ाने वाले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की नाक के नीचे आशा सहयोगिनियों की गिरफ्तारी होना संवेदनहीन, निंदनीय व दुर्भाग्यपूर्ण कृत्य है। राठौड़ ने कहा कि महिलाओं के प्रति अपराधों में देशभर में दूसरे स्थान पर आने वाले राजस्थान में कांग्रेस सरकार महिलाओं पर अत्याचार की सारी सीमाएं लांघ रही हैं। जनघोषणा पत्र में आशा सहयोगिनियों का मानदेय बढ़ाने का वादा करने वाली कांग्रेस सरकार के कुशासन में विगत एक पखवाड़े से कड़ाके की ठंड में धरना देने को मजबूर सैकड़ों आशा सहयोगिनियों के साथ सकारात्मक वार्ता की पहल नहीं करना और उन पर दमनकारी रवैया अपनाते हुए इनकी गिरफ्तारी करना न्यायसंगत नहीं है।