उन्होंने कहा कि जो लौट कर आए उन्हें क्या कहते हैं यह मुझको नहीं पता, लेकिन जैसे सीएम दो साल में घर से दफ्तर तक नहीं गए, लेकिन अब दिल्ली गए हैं तो जरूर उनकी कोई सियासी मजबूरी रही होगी। पूनिया ने कहा कि यह जरूर है कि राजस्थान को जिस गवर्नेंस और दिशा की जरूरत थी, वो कांग्रेस के पास बची नहीं है, इसलिए गहलोत दिल्ली, मुंबई जाएं या कोलकाता जाएं, इससे न कांग्रेस की अंदरूनी राजनीति का समाधान होगा और न प्रदेश की जनता की समस्याओं का समाधान होगा।
सक्रियता के हिसाब से फेरबदल होगा पूनियां ने कहा कि कुछ जिलों में प्रभारी और सह प्रभारी बदले हैं। आने वाले दिनों में सक्रियता के हिसाब से फेरबदल किया जाएगा। कुछ लोगों को जिम्मेदारियां भी दी जाएगी। आने वाले दिनों में पार्टी को निचले स्तर तक सक्रिय करने की दिशा में भी पार्टी ने काम शुरू कर दिया है।