मंत्रिमंडल की बैठक में विधानसभा सत्र बुलाने के लिए राज्यपाल कालराज मिश्र द्वारा मांगे गए तीन बिन्दुओं पर जवाब तैयार किया गया। बैठक के बाद राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने बताया कि राज्यपाल विधानसभा अध्यक्ष के काम में हस्तक्षेप न करें। उन्होंने कहा कि सरकार 31 जुलाई को बैठक बुलाना चाहती है न कि 21 दिन का नोटिस जारी करने के बाद।
मंत्री चौधरी ने राज्यपाल से अनुरोध करते हुए कहा कि सरकार का काम सरकार को और अध्यक्ष का काम अध्यक्ष को करने दें। उन्होंने बताया कि गहलोत सरकार ने स्पष्ट कर दिया कि राज्यपाल की तीनों अपत्तियां मंजूर नहीं हैं। उन्होंने कहा कि राज्यपाल की तीन बातों में से दो सरकार से संबंधित नहीं है। वहीं, 21 दिन का नोटिस देना सरकार का अधिकार है, राज्यपाल का नहीं।
गौरतलब है कि गहलोत सरकार द्वारा विधानसभा राज्यपाल ने दूसरे बिन्दु में पुछा है यदि आप बहुमत साबित करना चाहते हैं तो लिखित में बताइए कि विश्वासमत के लिए सदन का सत्र बुलाना है। राज्यपाल ने कोरोना संक्रमण से उपजे हालात को लेकर भी आपत्ति जताई है। उन्होंने गहलोत सरकार से पूछा है कि विधानसभा में कोरोना संक्रमण से कैसे बचाया जाएगा? 200 विधायकों और 1000 कर्मचारियों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कैसे होगा? चौधरी ने बताया कि सरकार राज्यपाल द्वारा मांगे गए बिन्दुओं का जवाब जल्द भेज देगी।