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जयपुर

अब हर सरकारी अस्पताल में इस बड़े बदलाव की तैयारी में कांग्रेस सरकार

राज्य में ‘स्वास्थ्य के अधिकार’ पर काम शुरू : 22 राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय पार्टनर तैयार करेंगे मसौदा…

जयपुरJan 05, 2019 / 04:04 pm

dinesh

hospital
जयपुर।

राज्य की कांग्रेस सरकार ने चुनाव घोषणा पत्र में किए गए वादे ‘स्वास्थ्य का अधिकार (Right To Health)’ पर काम शुरू कर दिया है। इसका मसौदा 22 राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय पार्टनर मिलकर तैयार करेंगे। इसे एश्योर्ड डिलीवरी ऑफ क्वालिटी सर्विसेज का नाम दिया गया है। सूत्रों के अनुसार मसौदे का सबसे बड़ा बिंदु गारंटेड गुणवत्तापूर्ण सुविधा उपलब्ध कराना होगा। यानी हर सरकारी अस्पताल के बाहर एक सूची चस्पा होगी, जिसमें वहां दी जाने वाली सुविधाओं की जानकारी होगी। तय पैरामीटर के हिसाब से वह सुविधा उपलब्ध कराना सरकार की जिम्मेदारी होगी। मसौदे में अलग अलग स्तर पर अस्पताल की स्थापना के पैरामीटर तय हो जाएंगे। संभवतया सरकार यह गारंटी देगी कि हर ग्राम पंचायत पर एक सब सेंटर होगा। तय आबादी पर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, मेडिकल कॉलेज या जिला अस्पताल होगा। कांग्रेस सरकार के समय पहले शुरू की गई निशुल्क दवा व जांच योजना और भाजपा सरकार के समय शुरू की गई भामाशाह बीमा योजना के बाद यह प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं के लिहाज से बड़ा बदलाव माना जा रहा है। चिकित्सा विभाग का दावा है कि अभी राइट टू हैल्थ का सिस्टम भारत सहित दुनिया में संभवत: कहीं नहीं है।
यों तय होंगे पैरामीटर
सब सेंटर, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र और मेडिकल कॉलेज सहित जिला अस्पतालों में उपलब्ध सुविधाओं की सूची बनाई जाएगी।
अलग-अलग अस्पताल कितनी आबादी पर स्थापित होगा, इसका पैरामीटर तय किया जाएगा।
सरकार की यह जिम्मेदारी हो जाएगी कि उसे वह सुविधा वहां उपलब्ध करानी ही होगी।
कोई उपकरण खराब होता है तो भी मरीज को वह सुविधा देना सरकार की जिम्मेदारी होगी।
अभी कोई गारंटी नहीं देती सरकार
अभी तक ये सुविधाएं दी तो जाती हैं, लेकिन सरकार गारंटी नहीं देती कि इन पैरामीटर्स पर देना ही होगा। राइट टू हैल्थ के मसौदे में जो पैरामीटर तय होंगे, उनके हिसाब से सरकार को ये सुविधाएं देनी ही होंगी।
ये संस्थाएं देंगी गुणवत्ता बढ़ाने के सुझाव
चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा के निर्देश पर शुक्रवार को हुई बैठक में हैल्थ केयर सेक्टर में किए कार्यों, अर्जित उपलब्धियों एवं कार्ययोजना पर चर्चा की। इन एजेंसियों को राइट टू हैल्थ का मसौदा तैयार करने के निर्देश दिए गए।
विश्व स्वास्थ्य संगठन : मातृ-शिशु स्वास्थ्य एवं पोषण दिवस के दौरान एएनएम की मॉनिटरिंग।
जापाइगो : ब्लॉक स्तरीय मासिक समीक्षा बैठकों का ऐजेंडा तैयार करेगा और एएनएम व चिकित्सा अधिकारियों के लिए ऑनलाइन ट्रेनिंग पैकेज बनाएगा।
यूनिसेफ, यूएनएफपीए एवं विश फाउंडेशन : राजकीय अस्पतालों को एनएबीएच प्रमाण पत्र के लिए विभाग की गुणवत्ता एश्योरेंस टीम के साथ मिलकर योजना तैयार करेंगे।
यूनिसेफ, गेन एवं एसीएफ: अतिकुपोषित बच्चों को कुपोषण मुक्त करने के लिए कुपोषण प्रबंधन कार्यक्रम की कार्ययोजना बनाएंगे।
आइपी ग्लोबल : परिवार नियोजन इंजेक्शन अंतरा की प्रगति को ट्रेक करेगी।
एफआरएचएस परियोजना निदेशक : परिवार कल्याण के साथ मिलकर चिकित्सा संस्थानों में फिक्स डे उपलब्ध कराई जाने वाली परिवार नियोजन सेवाओं की मानिटरिंग की कार्ययोजना बनाएंगे।
– हमारी सरकार ने घोषणा पत्र को सरकारी दस्तावेज बना दिया है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर राइट टू हैल्थ पर काम शुरू कर दिया है। यह ऐसा मॉडल होगा, जो पूरी दुनिया के लिए मिसाल होगा।
-रघु शर्मा, चिकित्सा मंत्री
– मुख्यमंत्री की मंशा है कि हर नागरिक को स्वास्थ्य का अधिकार मिले। अभी इसमें अधिक कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। हमने 22 डवलपमेंट पार्टनर्स से भी सुझाव मांगे हैं।
समित शर्मा, निदेशक एनएचएम

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