सब सेंटर, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र और मेडिकल कॉलेज सहित जिला अस्पतालों में उपलब्ध सुविधाओं की सूची बनाई जाएगी।
अलग-अलग अस्पताल कितनी आबादी पर स्थापित होगा, इसका पैरामीटर तय किया जाएगा।
सरकार की यह जिम्मेदारी हो जाएगी कि उसे वह सुविधा वहां उपलब्ध करानी ही होगी।
कोई उपकरण खराब होता है तो भी मरीज को वह सुविधा देना सरकार की जिम्मेदारी होगी।
अभी तक ये सुविधाएं दी तो जाती हैं, लेकिन सरकार गारंटी नहीं देती कि इन पैरामीटर्स पर देना ही होगा। राइट टू हैल्थ के मसौदे में जो पैरामीटर तय होंगे, उनके हिसाब से सरकार को ये सुविधाएं देनी ही होंगी।
चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा के निर्देश पर शुक्रवार को हुई बैठक में हैल्थ केयर सेक्टर में किए कार्यों, अर्जित उपलब्धियों एवं कार्ययोजना पर चर्चा की। इन एजेंसियों को राइट टू हैल्थ का मसौदा तैयार करने के निर्देश दिए गए।
जापाइगो : ब्लॉक स्तरीय मासिक समीक्षा बैठकों का ऐजेंडा तैयार करेगा और एएनएम व चिकित्सा अधिकारियों के लिए ऑनलाइन ट्रेनिंग पैकेज बनाएगा।
यूनिसेफ, यूएनएफपीए एवं विश फाउंडेशन : राजकीय अस्पतालों को एनएबीएच प्रमाण पत्र के लिए विभाग की गुणवत्ता एश्योरेंस टीम के साथ मिलकर योजना तैयार करेंगे।
यूनिसेफ, गेन एवं एसीएफ: अतिकुपोषित बच्चों को कुपोषण मुक्त करने के लिए कुपोषण प्रबंधन कार्यक्रम की कार्ययोजना बनाएंगे।
आइपी ग्लोबल : परिवार नियोजन इंजेक्शन अंतरा की प्रगति को ट्रेक करेगी।
एफआरएचएस परियोजना निदेशक : परिवार कल्याण के साथ मिलकर चिकित्सा संस्थानों में फिक्स डे उपलब्ध कराई जाने वाली परिवार नियोजन सेवाओं की मानिटरिंग की कार्ययोजना बनाएंगे।
-रघु शर्मा, चिकित्सा मंत्री
समित शर्मा, निदेशक एनएचएम