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‘आपातकाल की बरसी’ से ठीक पहले गहलोत सरकार का आदेश, धरने-प्रदर्शन पर लगाई रोक

locationजयपुरPublished: Jun 25, 2020 10:25:06 am

Submitted by:

Nakul Devarshi

गृह विभाग की ओर से निकाले गए इस आदेश के तहत प्रदेश में कहीं भी किसी भी तरह के धरने या प्रदर्शन पर पूरी तरह से पाबंदी लगाई गई। इस आदेश के बाद अब भाजपा सहित अन्य राजनीतिक दल सरकार या कांग्रेस पार्टी का विरोध सड़क पर उतरकर नहीं जता सकेंगे।

ashok gehlot

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जयपुर

गहलोत सरकार ने ‘आपातकाल की बरसी’ से ठीक एक दिन पहले बुधवार को धरने-प्रदर्शनों सहित अन्य गतिविधियों पर रोक लगाने सम्बन्धी आदेश जारी किया। गृह विभाग की ओर से निकाले गए इस आदेश के तहत प्रदेश में कहीं भी किसी भी तरह के धरने या प्रदर्शन पर पूरी तरह से पाबंदी लगाई गई।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री खुद गृह विभाग के मुखिया हैं। इस आदेश के बाद अब भाजपा सहित अन्य राजनीतिक दल सरकार या कांग्रेस पार्टी का विरोध सड़क पर उतरकर नहीं जता सकेंगे।

कलक्टर्स को जारी हुआ सर्कुलर
गृह विभाग से जारी सर्कुलर में जिला कलक्टर्स को कहा गया है कि, वे अपने जिले के क्षेत्राधिकार में राजस्थान पुलिस एक्ट 2007 की धारा 44 के तहत मिली शक्तियों का उपयोग करते हुए, अग्रिम आदेश तक प्रतिबंधित करें। इनका उल्लंघन करने पर कानूनी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
शर्सतों के साथ ही कर सकेंगे सभा-जुलूस

-पुलिस अधिकारी सड़कों मार्गों या आम रास्तों पर सभी सभाओं या जुलूसों को कंट्रोल करने के लिए साधारण या विशेष आदेश जारी कर सकेगा।


-सभा, जुलूस या समारोह के अनियंत्रित होने या शांति भंग होने की संभावना है तो, कलेक्टर या उसकी ओर से अधिकृत अधिकारी ऐसे आयोजन के लिए मंजूरी लेने के लिए कह सकता है।

-जिला कलेक्टर या उसके द्वारा प्राधिकृत अधिकारी ऐसी शर्तो के साथ, जिन्हें वह उचित समझे अनुमति दे सकेगा।


-कोई भी पुलिस अधिकारी, जिस पर किसी जन सभा या जुलूस को कंट्रोल करने का उत्तरदायित्व है। ऐसे किसी भी जुलूस को, जिस उप-धारा (2 ) के तहत मंजूरी नहीं ली गई तो वह जुलूस या सभा को तितर बितर होने का आदेश दे।

– समारोह, सभा, जुलूस आदि को प्रतिबंधित करने वाले दिशा-निर्देशों का पालन सुनिश्चत कराने का दायित्व संबंधित क्षेत्र के उपखण्ड मजिस्ट्रेट, तहसीलदार, पुलिस उप अधीक्षक, पुलिस उपायुक्त एवं थाना प्रभारी का रहेगा।

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