राजधानी जयपुर में मीडिया से बातचीत में सीएम गहलोत ने डोनाल्ड ट्रम्प के साबरमती आश्रम दौरे पर कहा, ”मुझे इस बात का अफसोस है कि मिस्टर ट्रंप साबरमती आश्रम में गए, पुस्तिका में कमेंट लिखे और महात्मा गांधी का नाम तक नहीं लिखा। जो व्यक्ति महात्मा गांधी को मानता ही नहीं है, जिस व्यक्ति की विचारधारा महात्मा गांधी से मिलती ही नहीं है, उनको आप साबरमती आश्रम ले गए और जो कमेंट लिखे जाते हैं वहां महात्मा गांधी का नाम नहीं लिखा, वहां नरेंद्र मोदी जी का नाम लिखा, वो मुझे यहां लेकर आए हैं। ये मैं समझता हूं कि देश की प्रतिष्ठा को ठेस लगी है इस बात को लेकर के ये मेरा मानना है।”
मुख्यमंत्री गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम लिए बगैर निशाना साधा। उन्होंने कहा, ”महात्मा गांधी का नाम जो ढोंगी बनकर ले रहे हैं, उनकी पार्टी के लोग क्या-क्या कर रहे हैं, उनका कोई विश्वास महात्मा गांधी के अंदर नहीं है, उनकी नीतियों के अंदर नहीं है। इस बात का भी अफ़सोस है।”
गहलोत ने आगे कहा, ”ये मैंने मेरी जिंदगी में पहली बार देखा है कि यूएस प्रेसीडेंट यहां आए हुए हों, कोई राष्ट्राध्यक्ष या प्रधानमंत्री बाहर के मुल्क का आए और जिस मुल्क में जा रहा है वहां आग लगी हुई हो, राज्यों के अंदर भी, जिलों के अंदर भी और राजधानी के अंदर भी। फायरिंग हो रही हो, लोग मर रहे हों, आज तक का इतिहास गवाह है, कि जब भी किसी राष्ट्रपति, राष्ट्राध्यक्ष या प्रधानमंत्री का प्रोग्राम बना और अगर वहां यदि कुछ ऐसी घटनाएं हो गई तो वो प्रोग्राम कैंसिल हो जाते हैं। ये पहली बार मैं देख रहा हूं कि जो सुपर पॉवर है दुनिया की अमेरिका के राष्ट्रपति आ रहे हैं, उसके दरमियान उनको मालूम था कि वहां क्या हो रहा है, धरने चल रहे हैं पूरे मुल्क के अंदर, आग लगी हुई है, यूपी में 15 लोग पहले ही मर गए थे और सब जगह धरने चल रहे थे राजधानी के अंदर, तब भी उनका प्रोग्राम पक्का रहा, कैंसिल नहीं हुआ। और आने के दरमियान में भी जिस प्रकार से कैंपेन चले, आगजनी हुई दिल्ली में और राज्यों में भी धरने चल रहे हैं तो क्या राष्ट्रपति की जो सिक्योरिटी है उनको मालूम नहीं होता है। पल-पल की खबर लगती है उस राष्ट्राध्यक्ष के तमाम लोगों को कि क्या हो रहा है मुल्क के अंदर, तब भी वो आए। उनकी यात्रा के दरमियान सब हुआ और कोई रिएक्शन नहीं है।”
गहलोत बोले, ”अभी तक तो प्रधानमंत्रीजी, गृहमंत्री जी कोई बोल ही नहीं रहे हैं। ये बहुत दुर्भाग्य की बात है कि इतनी बड़ी घटनाएं हो गईं, 10-15 लोग मर गए दिल्ली के अंदर, हो क्या रहा है देश में, किसी को नहीं मालूम है। ऐसी स्थिति में देश चल रहा है जो बहुत ही चिंताजनक स्थिति है। हम तो अपील करना चाहेंगे चाहे कोई पक्ष-विपक्ष हो, चाहे कोई धर्म के लोग हों, जाति के लोग हों, हिंसा का स्थान नहीं होना चाहिए।”