सीएम गहलोत ने ट्वीट के जरिए सोनिया गांधी को जन्म दिन की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने लिखा, आने वाले वर्ष आपके लिए अच्छे स्वास्थ्य और सफलता से भरा हो। सीएम गहलोत ने सोनिया गांधी के मार्गदर्शन को प्रेरणादायी बताते हुए कहा कि वर्तमान परिदृश्य में उनका जन्मदिन न मनाने का निर्णय अभी तक संवेदनशील नेतृत्व का एक और उदाहरण है।
इसी तरह प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने भी सोनिया गांधी को उनके जन्म दिन की बधाई एवं शुभकामनाएं दी। इस मौके उन्होंने कहा कि उनके नेतृत्व में देश एवं पार्टी को जो मार्गदर्शन मिला उससे हमें सदैव प्रेरणा मिलती रहेगी। उन्होंने ईश्वर से उनके उत्तम स्वास्थ्य एवं दीर्घायु जीवन की कामना की।
पीएम मोदी ने दी सोनिया को शुभकामनाएं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को जन्मदिन की शुभकामनाएं देते हुये उनके अच्छे स्वास्थ्य और दीर्घायु की कामना की। पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा, ”सोनिया गांधी जी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएँ। उनके अच्छे स्वास्थ्य और दीर्घायु के लिए प्रार्थना करता हूं।”
…इसलिए नहीं मना रहीं जन्मदिन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी 73 वर्ष की हो गई हैं। हालांकि जन्मदिन के मौके पर किसी भी कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया गया। दरअसल, देश में महिलाओं के खिलाफ बढ़ रहे अपराध को लेकर सोनिया ने पार्टी कार्यकर्ताओं से जश्न नहीं मनाने की अपील की।
सोनिया गांधी का यह फैसला उन्नाव बलात्कार पीड़िता को आग लगा देने और दिल्ली की अस्पताल में उसकी मौत हो जाने के बाद किया। इससे पहले हाल में हैदराबाद में वेटनरी डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद आग लगाकर हत्या कर दी गई थी।
देश के विभिन्न हिस्सों से भी महिलाओं के खिलाफ अपराध के कई मामले सामने आए हैं और इन घटनाओं को लेकर देश में गुस्से की लहर है। इसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अपना जन्मदिन न मनाने का फैसला किया।
गौरतलब है कि सोनिया गांधी साल 1998 में कांग्रेस का अध्यक्ष बनी थीं। उनके नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी ने दो लोकसभा चुनाव जीता और केंद्र में सत्ता पर काबिज हुई। कांग्रेस 2004 से 2014 तक लगातार 10 साल केंद्र की सत्ता में रहीं। 2014 में कांग्रेस की करारी हार के बाद सोनिया ने साल 2017 में सोनिया ने कांग्रेस की कमान अपने बेटे राहुल गांधी को सौंप दी थी। 2019 के लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद राहुल गांधी ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। अब पार्टी की कमान एक बार फिर से सोनिया के हाथ में है।