पार्टी महासचिव (संगठन) अशोक गहलोत ने बताया कि पार्टी के महासचिवों, सचिवों और प्रदेश अध्यक्षों के साथ दिन भर विचार-विमर्श के बाद आम राय थी कि देश में पेट्रोल डीजल के दामों में लगातार हो रही बढ़ोतरी से समाज के तमाम वर्ग त्राहिमाम कर रहे हैं, लेकिन सरकार सोई हुई है। इसके विरोध में कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल 10 सितम्बर को सुबह नौ बजे से अपराह्न तीन बजे तक भारत बंद करेंगे। इसमें अन्य विपक्षी दल भी कांग्रेस का साथ देंगे।
गहलोत ने यूपीए सरकार के कार्यकाल का हवाला देते हुए कहा कि जब पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़े तो मनमोहन सिंह सरकार ने राज्य सरकारों से टैक्स कम करने को कहा था और कांग्रेस की सरकारों ने अपने टैक्स कम कर आम आदमी को राहत दी थी। आज देश के अनेक राज्यों में भाजपा की सरकार है, लेकिन उसने अभी तक आम आदमी को राहत देने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया है।
पार्टी प्रवक्ता सुरजेवाला ने कहा कि जब से मोदी सरकार सत्ता में आई है, उसने पेट्रोल पर 28 रुपए और डीजल पर 27 रुपए की बढ़ोतरी की है। इसके अलावा उसने पेट्रोल पर 9 रुपए से अधिक तथा डीजल पर 19 रुपए से अधिक की एक्साइज ड्यूटी अलग से बढ़ा दी।
सुरजेवाला ने तंज किया कि एक तरफ देश में पेट्रोल 80 रुपए लीटर बेचा जा रहा है और दुनिया के 15 से अधिक देशों को यही पेट्रोल 37 रुपए तथा डीजल 34 रुपए प्रति लीटर बेचा जा रहा है। उन्होंने पेट्रोल-डीजल के दामों में बढ़ोतरी से खजाने में आए 11 लाख करोड़ रुपए को ‘फ्यूल लूट’ करार दिया और देश के तमाम सामाजिक संगठनों से भी मोदी सरकार के खिलाफ आहूत बंद को सफल बनाने की अपील भी की।
एक सवाल के जवाब में पार्टी कोषाध्यक्ष अहमद पटेल ने बताया कि तृणमूल कांग्रेस ने बंद का समर्थन किया है। वह प्रदर्शन में भी हिस्सा लेगी लेकिन बंद में शामिल नहीं होगी। बहुजन समाज पार्टी से अभी बंद को समर्थन देने की बात की जा रही है। अन्य सभी पार्टियों ने बंद को समर्थन देने का ऐलान किया है। बंद को लेकर सुप्रीम कोर्ट की रुलिंग से जुड़े सवाल के जवाब में पटेल ने बताया कि इसी वजह से बंद की अवधि 9 से 3 बजे तक रखी गई है ताकि आम आदमी को कष्ट नहीं हो।