गहलोत ने बातचीत के बारे में ज़्यादा तफसील से नहीं बताते हुए सिर्फ इतना कहा कि प्रधानमंत्री को उन्होंने राज्यपाल की कार्यशैली के बारे में अवगत कराया है। उन्होंने कहा कि सात दिन पहले जो प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था उस सन्दर्भ में भी अपनी बात प्रधानमंत्री के समक्ष रखी है।
इससे पहले मुख्यमंत्री गहलोत ने अपने संबोधन में कहा कि राज्य में लोकतांत्रिक तरीके से चुनी हुई सरकार को गिराने की साजिश की गई है, जो किसी भी सूरत में न्यायोचित नहीं है। राज्यपाल की कार्यशैली को कटघरे में रखते हुए उन्होंने कहा कि 70 साल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब विधानसभा बुलाने के कैबिनेट के प्रस्ताव को लौटाया गया हो।
गहलोत ने चुटकी भरे अंदाज़ में कहा कि राजभवन से 6 पेज का प्रेम पत्र आया है। राज्यपाल की तरफ से भेजी गई पत्रावली का आज ही जवाब दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि राजस्थान की सियासी जंग को राष्ट्रव्यापी रूप मिल रहा है। इसके लिए सोनिया गांधी और राहुल गांधी को धन्यवाद पात्र हैं। उन्होंने कहा कि देश में लोकतंत्र और संविधान को बचाने में राजस्थान की लड़ाई अहम भूमिका निभाएगी।
राष्ट्रपति को भेजा जाएगा ज्ञापन वहीँ कांग्रेस विधायकों की सभा में राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजने पर फैसला लिया गया। कांग्रेस पार्टी के प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे ने विधायकों को राष्ट्रपति को भेजा जाने वाला ज्ञापन पढ़कर सुनाया, जिसके बाद विधायकों ने ज्ञापन पर औपचारिक मुहर लगा दी।
तीन बागी विधायकों के लौटने का दावा कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने सभा में ये कहते हुए सभी को चौंका दिया कि अगले 48 घंटे में सचिन पायलट कैम्प से तीन बागी विधायक वापस पार्टी में लौट आयेंगे। उन्होंने ये दावा किस आधार पर किया है इस बारे में ज़्यादा जानकारी नहीं दी।
विधानसभा सत्र पर राजभवन ने ये मांगी हैं जानकारी – शॉर्ट नोटिस पर कैसे पहुंचेंगे सभी विधायक ? – कोरोना संक्रमण काल में कैसे होगी सोशल डिस्टेन्सिंग? – क्या सत्र में हो पाएगी कोविड-19 प्रोटोकॉल की पालना?