scriptजोधपुर के विकास की उपेक्षा, जनता जवाब मांगेगी: गहलोत | Ashok Gehlot targets CM Vasundhara Raje over Jodhpur Development | Patrika News

जोधपुर के विकास की उपेक्षा, जनता जवाब मांगेगी: गहलोत

locationजयपुरPublished: Jun 21, 2018 08:08:30 am

Submitted by:

santosh

गहलोत ने कहा कि लोकतंत्र में पक्ष और विपक्ष दोनों का अपना महत्व होता है। राजनीतिक दृष्टिकोण से किसी भी क्षेत्र विशेष की उपेक्षा करना राजधर्म नहीं है।

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जयपुर। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अशोक गहलोत ने कहा कि मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय जोधपुर के विकास के लिए प्रारम्भ की गर्इ और प्रक्रियाधीन रही विकास परियोजनाओं और कार्यों में जानबूझ कर देरी की और अब जब चुनावों में पांच माह रह गए हैं, तब जोधपुर आकर विकास कार्यों का ढ़िंडोरा पीटकर राजनीतिक लाभ लेने का असफल प्रयास कर रही हैं।
इस सरकार द्वारा अपने शासनकाल के दौरान जोधपुर की लगातार घोर उपेक्षा की गर्इ। आने वाले चुनाव में जोधपुर की जनता मुख्यमंत्री से इस सवाल का जवाब चाहेगी। गहलोत ने कहा कि अच्छा होता मुख्यमंत्री समय-समय पर जोधपुर आती और यहां ढ़ांचागत विकास के कार्य करवाकर जनसुविधाओं का विस्तार करती। उनके शासनकाल में जोधपुर के विकास के लिए ना तो कोई नई परियोजना स्वीकृत की गर्इ और ना ही कोई परियोजना बनाई गर्इ, जिन पर काम हो सके।
यहां तक कि प्रदेश की राजधानी जयपुर के बाद राजस्थान का सबसे बड़ा और दूसरे नम्बर का शहर होने के बावजूद भी जोधपुर को स्मार्ट सिटी के चयन से बाहर रखा गया। उन्होंने कहा कि आज मुख्यमंत्री जोधपुर में जिन योजनाओं का लोकार्पण करने जा रही है यथा माणकलाव-दांतीवाडा-पीपाड-बिलाडा पेयजल योजना, खारिया-जालौर पेयजल योजना, सारण नगर स्थित ओवरब्रिज सहित कई योजनाएं पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय प्रारंभ की जा चुकी थी।
गहलोत ने कहा कि लोकतंत्र में पक्ष और विपक्ष दोनों का अपना महत्व होता है। राजनीतिक दृष्टिकोण से किसी भी क्षेत्र विशेष की उपेक्षा करना राजधर्म नहीं है। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय प्रदेश के सभी क्षेत्रों का समान रूप से विकास किया गया। समाज के सभी वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएं लागू की गर्इ। तब कांग्रेस सरकार का लक्ष्य राजस्थान का समग्र विकास करना था। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री राजे ने ने इस शहर को गैंगस्टर्स के हवाले छोड़ दिया। अनेकों बार फायरिंग की घटनाएं तक हो चुकी हैं। चोरी, गुण्डागर्दी तो आम बात हो गई।
यहां तक कि राजस्थान उच्च न्यायालय को भी टिप्पणी करनी पड़ी कि – जोधपुर राजस्थान का हिस्सा है या नहीं? प्रदेश में पश्चिमी राजस्थान नाम की कोई जगह है या नहीं? क्या हाल हो गया है इस शहर का? यहां दुनिया भर की गुण्डागर्दी हो रही है, आम आदमी का जीना मुहाल हो गया है, सरकार और प्रशासन बेशर्मी और निकम्मेपन की हदें पार कर चुके हैं, सरकार जवाब दे।
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