यह है गहलोत का ट्वीट
यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि पीसी के दौरान मेरी टिप्पणियों को कुछ मीडिया हाउसों ने गलत तरीके से समझा। मैं भारत के राष्ट्रपति का व्यक्तिगत तौर पर बहुत सम्मान करता हूं। श्री रामनाथ कोविन्द जी से मैं व्यक्तिगत रूप से मिला भी हूं और उनकी सादगी और विनम्रता से बहुत प्रभावित हूं।
यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि पीसी के दौरान मेरी टिप्पणियों को कुछ मीडिया हाउसों ने गलत तरीके से समझा। मैं भारत के राष्ट्रपति का व्यक्तिगत तौर पर बहुत सम्मान करता हूं। श्री रामनाथ कोविन्द जी से मैं व्यक्तिगत रूप से मिला भी हूं और उनकी सादगी और विनम्रता से बहुत प्रभावित हूं।
भाजपा ने साधा निशाना
उधर दिल्ली में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बयान के बाद भाजपा ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा है। भाजपा नेता जीवीएल नरसिम्हा राव ने कहा कि हम बहुत दुःख के साथ ये बात पूरे देश के सामने रखना चाहते हैं कि आज कांग्रेस पार्टी ने बहुत ही निचले स्तर पर जाकर चुनावी मर्यादा का उल्लंघन किया है। उन्होंने कहा कि भारत के राष्ट्रपति, जो देश में सर्वोच्च पद है, उन पर भी कांग्रेस ने राजनीति करने की कोशिश की है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को लेकर गलत बयानबाजी की है। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि कांग्रेस गरीब तबके और दलित समाज से आने वाले राष्ट्रपति के खिलाफ है।
यह दिया था बयान
मुख्यमंत्री गहलोत ने बुधवार को अपने निवास पर आयोजित पत्रकार वार्ता में कहा था कि मैंने एक आर्टिकल पढ़ा है, जिसमें अमित शाह के एक के बाद एक हथकंडों का खुलासा है। उस समय गुजरात के चुनाव आ रहे थे और मेरा मानना है कि अमित शाह ने जातीय समीकरण बिठाने के लिए रामनाथ कोविन्द को राष्ट्रपति बनाने की सलाह दी होगी। ऐसे में आडवाणी छूट गए, वरना राष्ट्रपति आडवाणी को बनना था। आडवाणी इस सम्मान के हकदार थे, लेकिन उन्हें इससे वंचित कर दिया गया।
ट्वीट पर दी सफाई, लेकिन हुए टोल
उधर गहलोत के ट्वीट पर उनके यूजर्स की अलग—अलग टिप्पणियां आई है। मुकेश कुमार माली ने लिखा है : मीडिया वाले गहलोत जी के बयान को तोड़ मरोड़ कर पेश कर रहे हैं। वहीं उमेश कुमार ने लिखा है : अगर एक दलित महान व्यक्तित्व के धनी देश के सर्वोच नागरिक की कुर्सी पर बैठे तो उस पर भी कर ली राजनीति ..। क्या कांग्रेसियों की नजर मे दलित होना भी पाप है। पहले टिप्पणी कर दो फिर कह देंगे मीडिया ने गलत दिखाया। वहीं प्रदीप जोरा लिखते है : प्रेसीडेंट को तो बख्श दो सर।
उधर गहलोत के ट्वीट पर उनके यूजर्स की अलग—अलग टिप्पणियां आई है। मुकेश कुमार माली ने लिखा है : मीडिया वाले गहलोत जी के बयान को तोड़ मरोड़ कर पेश कर रहे हैं। वहीं उमेश कुमार ने लिखा है : अगर एक दलित महान व्यक्तित्व के धनी देश के सर्वोच नागरिक की कुर्सी पर बैठे तो उस पर भी कर ली राजनीति ..। क्या कांग्रेसियों की नजर मे दलित होना भी पाप है। पहले टिप्पणी कर दो फिर कह देंगे मीडिया ने गलत दिखाया। वहीं प्रदीप जोरा लिखते है : प्रेसीडेंट को तो बख्श दो सर।