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किसानों को बर्बाद करने पर तुली है मोदी सरकारः गहलोत

locationजयपुरPublished: Sep 25, 2020 06:56:02 pm

Submitted by:

firoz shaifi

कृषि अध्यादेशों को लेकर सीएम गहलोत ने केंद्र को घेरा

ashok gehlot

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जयपुर। कृषि अध्यादेशों के खिलाफ कांग्रेस ने आर-पार की लड़ाई का बिगुल बजा दिया है। इसकी शुरूआत देश भर में कांग्रेस ने सभी राज्यों में मीडिया से मुखातिब होकर की। कृषि अध्यादेशों के खिलाफ कांग्रेस ने विरोध पखवाडा मना रही है।

विरोध पखवाड़े के तहत आज प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में प्रेसवार्ता करके की। दोपहर 12 बजे मीडिया से मुखातिब होते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा,छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने अध्यादेशों की खामियां गिनाई।

इस दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि आज पूरे देश का किसान उन तीनों कृषि बिलों के चलते सड़कों पर है, लेकिन केंद्र सरकार जिस तरह से बेशर्मी से फैसले ले रही हैं, देश में वह सब के सामने है। देश में आज लोकतंत्र खतरे में हैं।

उन्होंने कहा कि जब से केंद्र में एनडीए गवर्नमेंट आई है तब से चाहे नोटबंदी हो, जीएसटी हो या लॉकडाउन का फैसला हो और अब किसानों के यह तीन बिल लाने की बात हो, एक तरफा बिना किसी से बात किए हुए यह निर्णय लिए जा रहे हैं। बगैर किसानों के संगठनों से बात किए और व्यापारियों से बात किए जो 40 साल पुराना कानून बदला गया और जिस मंडी को विकसित होने में 40 से 50 साल लगे, उनको एक-एक करके उखाड़ फेंकने का निर्णय ले रहे हैं।

 

देश में फासिस्ट लोगों की सरकार
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में फासिस्टवादियों की सरकार है। हाउस में ना तो रेजोल्यूशन आने दिया गया और बिना चर्चा के यह बिल पास कर दिया गया। इसी के चलते सभी विपक्षी नेताओं ने राष्ट्रपति से बात की है कि वह इस पर हस्ताक्षर नही करें, यही कारण है कि इतना बड़ा आंदोलन शुरू हुआ है। सीएम ने कहा कि आज बॉर्डर पर चाइना की स्थिति, इकॉनामी स्लोडाउन हो रहा है, राज्यों के साथ जीएसटी के वादे लिखित में समझौते हुए थे, लेकिन केंद्र सरकार राज्य सरकारों के साथ लिखित समझौतों को नहीं मान रही है तो फिर कल को अगर किसान और व्यापारी के बीच में अगर कोई विवाद हुआ तो फिर उसे कैसे निपटाया जाएगा। बहुत बड़ी बर्बादी के लक्षण दिख रहे हैं।

गहलोत ने कहा कि केंद्र सरकार चाहती है कि व्यापारियों और पूंजीपतियों को यह अधिकार दे दो कि वह कुछ भी कर ले, इससे कल्पना की जा सकती है कि आने वाले वक्त में क्या हालात हो सकते हैं। तीनों बिलों को पास करने से पहले किसी की बात नहीं सुनी गई। सीएम ने कहा कि किसान समझदार है और वह जानता है कि उसके हित किस रूप में सुरक्षित रह सकते हैं।

उन्होंने कहा कि अब जब विरोध हो रहा है तो केंद्र सरकार डिफेंस में आकर एमएसपी की बात कर रही है, लेकिन जो कानून बना है उसमें एमएसपी का क्यों इस्तेमाल नहीं किया गया, जिस रूप में यह तीनों बिल पास किए गए हैं, उसमें किसी की बात नहीं सुनी गई।

 

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