जयपुर। सीएम अशोक गहलोत ने केन्द्रीय बजट को निराशाजनक बताते हुए कहा है कि इसमें अर्थ व्यवस्था के सुधार को लेकर कोई उपाय नजर नहीं आ रहे है। गहलोत ने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के लंबे भाषण के बावजूद इसमें अर्थव्यवस्था को रिवाइव करने के लिए न कोई ठोस बात है और न ही उन कारणों पर बात की गई है जिसके कारण अर्थव्यवस्था में मंदी है। उन्होंने कहा कि देश के युवाओं को रोजगार सृजन की उम्मीद थी लेकिन इस ओर कोई काम नहीं किया गया है। जब ग्रोथ के लिए विज़न नहीं होगा और नौकरियों के सृजन की योजना नही होगी तो अर्थव्यवस्था कैसे सुधरेगी। गहलोत ने कहा कि बजट भाषण में आर्थिक संकट को सुलझाने के प्रति लिए जाने वाले कदमों का अभाव था। यह मात्र शब्दों की बाज़ीगरी थी जिसमें आम आदमी या उद्योगों को राहत देने पर कोई फोकस नहीं था। उन्होंने कहा कि बैंकिंग सेक्टर की समस्याओं को डील नहीं किया गया है और विकास को लेकर बजट में कोई फोकस नहीं है। गहलोत ने कहा कि एलआईसी में हिस्सेदारी बेचने संबंधी सरकार की घोषणा निराशाजनक है। आम लोगों ने मेहनत से कमाई हुई अपनी बचत का निवेश एलआईसी में किया है और अब वह लोग अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। सरकार को एलआईसी के निजीकरण की कोशिश में आम आदमी की बचत को खतरे में नहीं डालना चाहिए।
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