scriptघरों में ही विष्णु भगवान की पूजा, तुलसी के लगाई परिक्रमा | ASHWIN ADHIKAMAS LORD VISHNU WORSHIPING | Patrika News

घरों में ही विष्णु भगवान की पूजा, तुलसी के लगाई परिक्रमा

locationजयपुरPublished: Sep 18, 2020 09:36:41 pm

Submitted by:

Girraj Sharma

आश्विन शुक्ल पक्ष प्रतिपदा पर शुक्रवार से आश्विन अधिकमास (Ashwin adhikamas) शुरू हुआ। महिलाओं ने अधिकमास स्नान शुरू किए, वहीं लोगों ने घरों में ही भागवत कथा पाठ शुरू किए। महिलाओं ने घरों में ही विष्णु भगवान की पूजा अर्चना (Worshiping Lord Vishnu) की और तुलसी को विष्णु स्वरूप मानकर उसके परिक्रमा लगाई। अधिकमास द्वितीय आश्विन कृष्ण अमावस्या पर 16 अक्टूबर तक रहेगा। इसके ठीक बाद 17 अक्टूबर से शारदीय नवरात्र शुरू होंगे।

घरों में ही विष्णु भगवान की पूजा, तुलसी के लगाई परिक्रमा

घरों में ही विष्णु भगवान की पूजा, तुलसी के लगाई परिक्रमा

घरों में ही विष्णु भगवान की पूजा, तुलसी के लगाई परिक्रमा
— आश्विन अधिकमास मास शुरू
— श्रद्धालुओं ने शुरू किया अधिकमास स्नान

जयपुर। आश्विन शुक्ल पक्ष प्रतिपदा पर शुक्रवार से आश्विन अधिकमास (Ashwin adhikamas) शुरू हुआ। महिलाओं ने अधिकमास स्नान शुरू किए, वहीं लोगों ने घरों में ही भागवत कथा पाठ शुरू किए। महिलाओं ने घरों में ही विष्णु भगवान की पूजा अर्चना (Worshiping Lord Vishnu) की और तुलसी को विष्णु स्वरूप मानकर उसके परिक्रमा लगाई। अधिकमास द्वितीय आश्विन कृष्ण अमावस्या पर 16 अक्टूबर तक रहेगा। इसके ठीक बाद 17 अक्टूबर से शारदीय नवरात्र शुरू होंगे। अधिकमास में मांगलिक कार्यों पर विराम रहेगा। हालांकि कथा, भागवत, दान—पुण्य होंगे।
अधिकमास को पुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है। इस माह में भागवत कथा, नाम संकीर्तन जैसे धार्मिक आयोजनों होते है। कोरोना संक्रमण के चलते इस बार मंदिरों के बजाय लोग घरों में ही अनुष्ठान कर रहे हैं। गलता स्नान के लिए लोग नहीं पहुुंचे, वहीं गोविंददेवजी मंदिर भी इस बार दर्शनार्थियों के लिए बंद है। ऐसे में लोगों ने घर—घर ही पूजा—पाठ शुरू किए। ज्योतिषाचार्य डॉ. रवि शर्मा ने बताया कि शास्त्रों के अनुसार अधिकमास में व्रत—पर्व स्थगित होते हैं। अधिकमास को पुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है। अधिकमास में मांगलिक कार्य नहीं होंगे। कथा, भागवत आदि संपन्न होंगे। नित्य, नैमित्तिक और काम्य तीनों तरह के कर्म किए जा सकते है। अधिकमास में प्राण-प्रतिष्ठा, स्थापना, विवाह, मुंडन, नववधु गृह प्रवेश, यज्ञोपवीत, नामकरण जैसे संस्कार, तीर्थ यात्रा, विवाह, गृहप्रवेश आदि नहीं करने चाहिए।
भागवत कथा का आयोजन
सीकर रोड ढहर के बालाजी, परसराम नगर लक्ष्मी नारायण धाम में श्रीमन नारायण प्रन्यास मंडल के तत्वावधान में भागवत कथा का शुभारंभ हुआ। महामण्डलेश्वर पुरुषोत्तम भारती ने श्रीमद् भागवत पारायण के प्रथम दिन प्रारंभिक अध्यायों का वाचन किया। भारती ने कहा कि इस समय जीवन की रक्षा सबसे महत्वपूर्ण है। मंदिर में कथा करने से श्रोताओं की भीड़ होने की आशंका है, ऐसे में घर के निज मंदिर में ही कथा कर दुनिया को कोरोना से मुक्ति की प्रार्थना करनी चाहिए।
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