गौरतलब है कि झोटवाड़ा निवासी प्रवीण कालरा ने 2 मई 2008 को एसीबी में शिकायत की थी कि वह राहुल एक्सपोर्ट के मालिक गोविंद शर्मा से रुपए मांगता है। वर्ष 2007 में उसने गोविंद के खिलाफ चेक अनादरण का कोर्ट में केस किया था। वर्ष 2008 में गोविन्द ने प्रवीण के खिलाफ नाहरगढ़ थाने में धारा 420 व 406 में मुकदमा दर्ज कराया था। इसका जांच अधिकारी जगमोहन था। वह उसे गिरफ्तार करने की धमकी दे रहा था।
एक मई 2008 को इंचार्ज रामानंद उसे अहिंसा सर्कल से जीप में थाने ले गया। आरोप लगाया कि 2 लाख रुपए रिश्वत मांगी और कहा कि चेक अनादरण का मुकदमा विड्रो कर लो, एफआइआर रफा-दफा कर देंगे। दो मई को किए सत्यापन में जगमोहन ने 1.80 लाख रुपए मांगे। इस राशि का 5 मई तक इंतजाम करने का भरोसा दिया। फिर 3 मई को रामानंद से सत्यापन का प्रयास किया लेकिन उसने परिवादी का फोन नहीं उठाया। बाद में 5 मई को एसीबी ने जगमोहन को ट्रेप कर 50 हजार की रिश्वत राशि उसकी जेब से बरामद की।