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Indian Bustard : विलुप्त प्रजातियों की सूची में एशियाई हाथी और गोडावण

locationजयपुरPublished: Feb 10, 2020 07:54:01 pm

Submitted by:

hanuman galwa

Indian Bustard : एशियाई हाथी और गोडावण (ग्रेट इंडियन बस्टर्ड) पक्षी को विलुप्त होती प्रवासी प्रजातियों की वैश्विक सूची में शामिल किया जाएगा। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने सोमवार को बताया कि प्रवासी प्रजातियों पर संयुक्त राष्ट्र के सम्मेलन की 13वीं शिखर बैठक का आयोजन 15 से 22 फरवरी तक गुजरात के गांधी नगर में किया जाएगा।

Indian Bustard : विलुप्त प्रजातियों की सूची में एशियाई हाथी और गोडावण

Indian Bustard : विलुप्त प्रजातियों की सूची में एशियाई हाथी और गोडावण

विलुप्त प्रजातियों की सूची में एशियाई हाथी और गोडावण
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने दी जानकारी
नई दिल्ली। एशियाई हाथी और गोडावण (ग्रेट इंडियन बस्टर्ड) पक्षी को विलुप्त होती प्रवासी प्रजातियों की वैश्विक सूची में शामिल किया जाएगा।
पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने सोमवार को बताया कि प्रवासी प्रजातियों पर संयुक्त राष्ट्र के सम्मेलन की 13वीं शिखर बैठक का आयोजन 15 से 22 फरवरी तक गुजरात के गांधी नगर में किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंङ्क्षसग के जरिए इस बैठक का उद्घाटन करेंगे। इसमें 130 देशों के 1800 से ज्यादा प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे, जिनमें 600 विदेशी प्रतिनिधि होंगे। इसमें 15 देशों के मंत्री और देश के 18 राज्यों के वन एवं पर्यावरण मंत्री भी हिस्सा लेंगे।
भारत के पास नेतृत्व
अगले तीन साल के लिए सम्मेलन की अध्यक्षता भी भारत को सौंपी जाएगी। इस बैठक का मस्कट ‘गोडावणÓ होगा। सम्मेलन की कार्यवाहक कार्यकारी सचिव एमि फ्रेंकेल ने ऑडियो ङ्क्षलक के जरिए संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि बैठक में एशियाई हाथी और गोडावण समेत दुनिया के 10 जीवों को विलुप्त होते प्रवासी प्रजातियों की सूची में शामिल किया जाएगा।
खतरे में 10 लाख प्रजातियां
फ्रेंकेल ने कहा कि प्रवासी जीव सभी के जीवन से जुड़े हैं, लेकिन उनकी स्थिति अच्छी नहीं है। उनके संरक्षण के लिए और ज्यादा प्रयास करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि यदि समय रहते उचित कदम नहीं उठाए गए तो 10 लाख प्रजातियां विलुप्त हो जाएगी। फ्रेंकेल ने उम्मीद जताई कि यह सम्मेलन का सबसे सफल शिखर बैठक होगा।
अतिथि देवो भव थीम
जावड़ेकर ने बताया कि इस बैठक का थीम ङ्क्षहदी में ‘अतिथि देवो भवÓ होगा। अंग्रेजी में बैठक का जो थीम रखा गया है, उसका मतलब है – ‘प्रवासी प्रजातियां धरती को एक सूत्र में पिरोती हैं और हमें अपने यहां उनका स्वागत करना चाहिए।Ó उन्होंने कहा कि बैठक में प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन से प्रवासी प्रजातियों के लिए पैदा समस्याओं पर चर्चा होगी। इनमें पक्षी, जानवर, स्तनधारी और जलीय जीव शामिल हैं।
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