इसमें जयपुर सांसद, राज्यसभा सांसद, भाजपा विधायक, पूर्व विधायक और पूर्व मंत्री शामिल हुए। शाम को एडिशनल कमिश्नर ने आला अधिकारियों से बात करके थानाधिकारी वीरेंद्र सिंह कुरील को जांच होने तक संस्पेड करने, सस्पेंड की अवधि में मुख्यालय कमिश्नरेट से बाहर होने, मृतकाश्रित को पांच लाख रुपए की आर्थिक सहायता दिलाने, अन्य पांच लाख रुपए के लिए सरकार को पत्र लिखने, मृतक के परिवार में से किसी एक को सरकारी नौकरी के लिए सरकार को पत्र लिखने की मांगों पर सहमति के बाद धरना प्रदर्शन समाप्त कर दिया गया। मृतक हॉकर मन्नू वैष्णव का शुक्रवार को पोस्टमार्टम के बाद अंतिम संस्कार होगा।
जानकारी के अनुसार समाचार वितरक (हॉकर) मन्नू खां इलाके में मोटरसाइकिल से अखबार बांटने का काम करता है। मदीना नगर निवासी रफीक खान के घर में पिछले महीने डाले गए अखबार के गुरुवार को सुबह अखबार डालते समय करीब ६.३० बजे रुपए मांगे थे। इस पर रफीक खान ने तैश में आकर बाइक पर बैठे मन्नू के गले पर कुल्हाड़ी से कई वार कर दिए। कुल्हाड़ी से वार के बाद मन्नू ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। बीच रास्ते हुई इस वारदात के बाद स्थानीय लोगों ने आरोपी को पकड़ लिया और जमकर धुनाई कर दी।
सूचना पर पहुंची पुलिस ने आरोपी को अपनी कस्टडी में लेकर निजी अस्पताल में भर्ती कराया। वारदात के बाद परिजनों के साथ अन्य लोग थाने पर रिपोर्ट दर्ज कराने पहुंचे, तब पुलिस ने आरोपी के अस्पताल में भर्ती होने की जानकारी दी। इस पर लोग आक्रोशित हो गए। भाजपा के पूर्व विधायक कैलाश वर्मा और कन्हैयालाल मीणा भी थाने पर पहुंच गए और प्रदर्शन करने लगे। प्रर्दशनकारी पुलिस पर निष्पक्ष कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगा थाना परिसर में धरना देने के लिए टैंट लगाने लगे। पुलिस ने प्रर्दशनकारियों को टैंट नहीं लगाने के लिए टोका तो भीड़ में पीछे से किसी ने पत्थर फेंक दिया।
इस पर पुलिस ने लाठी चार्ज कर भीड़ को खदेड़ दिया। लाठी चार्ज के दौरान थाने पर रिपोर्ट दर्ज कराने पहुंचे मृतक की पत्नी, मंदबुद्धि बेटी, बुजुर्ग मां सहित अन्य परिजनों को भी पीटा गया। दोनों पूर्व विधायकों से बदसलूकी की गई। पूर्व विधायक कैलाश वर्मा को बेहोशी की हालत में एसएमएस अस्पताल में भर्ती कराया गया। इसकी जानकारी लगने पर भाजपा के सांसद रामचरण बोहरा, राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा, विधायक सतीश पूनिया, रामलाल शर्मा, अशोक लाहोटी, नरपतसिंह राजवी, पूर्व विधायक अशोक परनामी, सुरेन्द्र पारीक, अरूण चतुर्वेदी सहित सैकड़ों की संख्या में कार्यकर्ता थाने पर पहुंच गए और थानाधिकारी को सस्पेंड करने समेत कई मांगें की गई।