ओवैसी ने बीटीपी के समर्थन में ट्विवट करते हुए भाजपा-कांग्रेस पर निशाना साधा। ओवैसी के बीटीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष छोटूभाई वासवा के ट्वीट का जवाब देते हुए लिखा कि ***** वासवाजी कांग्रेस आपको और मुझको सुबह-शाम विपक्षी एकता का पाठ पढ़ाएगी, लेकिन खुद जनेऊधारी एकता से ऊपर नहीं उठेगी। ये दोनो एक हैं। आप कब तक इनके सहारे चलोगे? क्या आपकी स्वतंत्र सियासी ताकत किसी किंगमेकर होने से कम है? उम्मीद है के आप जल्द ही एक सही फैसला लेंगे। हिस्सेदारी के इस संघर्ष में हम आपके साथ हैं”
ओवैसी के इस ट्वीट से साफ है कि कि वे राजस्थान की सियासत में उतरने को बेताब हैं और पंचायत जिला परिषद चुनाव के दौरान बीटीपी-कांग्रेस के बीच हुई दूरी का फायदा लेकर आदिवासी वोट बैंक में सेंध लगाने के प्रयास में हैं।
जानकारों का कहना है कि अगर बीटीपी और एआईएमआईएम मिलक विधानसभा चुनाव लड़े तो आदिवासी और अल्पसंख्यक वोट बैंक में सेंध लगाकर कांग्रेस को एक बड़ा नुकसान पहुंचा सकते हैं। गौरतलब है डूंगरपुर जिला परिषद चुनाव में बीटीपी ने कांग्रेस पर धोखा देना का आरोप लगाया था।
बीटीपी का कहना है कि भाजपा-कांग्रेस ने मिलीभगत कर बीटीपी का जिला प्रमुख नहीं बनने दिया। वहीं दूसरी ओर नगर निगम चुनाव में मुस्लिम महापौर नहीं बनाए जाने से नाराज अल्पंसख्यक वर्ग ने कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। कांग्रेस से नाराज अल्पसंख्यक नेता ओवैसी की पार्टी के नेताओं से संपर्क कर उन्हें राजस्थान की सियासत में आने का न्यौता दे रहे हैं।