कांग्रेस के सुखराम विश्नोई ने मामला उठाते हुए कहा कि पैराटीचर्स को सरकार ने प्रबोधक बनाया है। उनके कार्यकाल में पैरा टीचर वाला कार्यकाल भी जोड़ा जाना चाहिए। प्रबोधकों की ग्रेड तय नहीं है। उन्हें न पदोन्नत किया जा रहा है न ही उनके तबादले हो रहे है।
शिक्षा राज्य मंत्री वासुदेव देवनानी ने कहा कि वर्ष 1999 से 2002 के बीच पैराटीचर्स की भर्ती हुई थी। कांग्रेस राज में उनका 12 सौ रुपए का वेतन तय किया था। इसके बाद भाजपा सरकार ने वेतन बढ़ाया।
वर्ष 2008 में जिला परिषद के माध्यम से 24 हजार 726 प्रबोधकों की भर्ती की गई। कई पैराटीचर ऐसे थे, जो मात्र 12वीं पास थे, उन्हें प्रबोधक नहीं बनाया गया। उसी समय पदोन्नत होने के लिए नौ वर्ष का समय निर्धारित किया गया था। हनुमान बेनीवाल ने विद्यार्थी मित्रों का मामला उठाया।
भाजपा विधायक ने किया रिफाइनरी का समर्थन जोधपुर विधायक कैलाश भंसाली ने बाड़मेर में रिफाइनरी को जरूरत बताते हुए कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस पर काम शुरू किया, इसे अब आगे बढ़ाना ही चाहिए। उन्होंने कहा कि यह इस क्षेत्र की जरूरत है। उन्होंने जोधपुर में डे्रनेज सिस्टम भी सुधारने की मांग रखी।