शारीरिक लाचारी उस पर सरकार की बेरुखी कैसे जीएंगे सामान्य जीवन। भूखे प्यासे तेज गर्मी में अपने घर व परिवार से दूर रहकर अपने हक के लिए धरने पर 3 दिन तक बैठे रहे लेकिन आज तक अपना हक नहीं मिल सका। पिछले तीन दिनों से चल रहे दिव्यांगों को अब कमेटी बनाने का आश्वासन मिला है। सभी दिव्यांगजन इनके समर्थन में यहां इकट्ठा हुए हैं। विकलांग आंदोलन 2016 संघर्ष समिति के प्रदेशाध्यक्ष रतनलाल बैरवा ने बताया कि उनकी गुरुवार को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के प्रमुख शासन सचिव जे.सी.मोहंती से सचिवालय में वार्ता हुई थी।
रूल ड्राफटिंग कमेटी शुक्रवार को बनाई जाएगी..
वार्ता में मोहंती ने आश्वासन दिया कि विशेष योग्यजन आयुक्त धन्नाराम राज पुरोहित के नेतृत्व में रूल ड्राफटिंग कमेटी शुक्रवार को बनाई जाएगी। इस कमेटी में ही उनकी मांगों का निस्तारण किया जाएगा। इधर तीसरे दिन बैरवा के साथ सत्येन्द्र सिंह भी आमरण अनशन विशेष योग्यजन निदेशालय सिविल लाइंस के पास जारी रहा।
वार्ता में मोहंती ने आश्वासन दिया कि विशेष योग्यजन आयुक्त धन्नाराम राज पुरोहित के नेतृत्व में रूल ड्राफटिंग कमेटी शुक्रवार को बनाई जाएगी। इस कमेटी में ही उनकी मांगों का निस्तारण किया जाएगा। इधर तीसरे दिन बैरवा के साथ सत्येन्द्र सिंह भी आमरण अनशन विशेष योग्यजन निदेशालय सिविल लाइंस के पास जारी रहा।
ये हैं दिव्यांगों की प्रमुख मांगे..
ये पीड़ा है प्रदेशभर के उन सभी 17 लाख दिव्यांगों की जो अपने अधिकारों से जुड़ी मांगे पूरी होने को तरस रहे है। बैरवा ने बताया कि सरकार व अधिकारियों की उदासीनता के कारण दिव्यांग उपेक्षा के शिकार हो रहे हैं। संघर्ष समिति नवीन विकलांग अधिकार अधिनियम 2016 के अन्तर्गत राज्य सरकार की ओर से बनाए जा रहे नियमों के लिए लीगल ड्राफ्टिंग कमेटी बनाए जाने व इसमें आंदोलन संघर्ष समिति के प्रमुख विकलांगता के प्रतिनिधियों को शामिल किए जाने, विकलांग आंदोलन 2016 में विकलांगजनों पर लगाए गए मुकदमों को सरकार के वायदे के मुताबिक वापस लेने व संघर्ष समिति के आंदोलन के बाद सरकार की ओर से समझौते के तहत एक उच्च स्तरीय कमेटी बनाई गई थी, जिसकी बैठक त्रैमासिक होनी थी, लेकिन कमेटी की अग्रिम बैठक नहीं हुई। इसकी बैठक एक सप्ताह में सुनिश्चित किए जाने आदि की मांग कर रहे हैं।
ये पीड़ा है प्रदेशभर के उन सभी 17 लाख दिव्यांगों की जो अपने अधिकारों से जुड़ी मांगे पूरी होने को तरस रहे है। बैरवा ने बताया कि सरकार व अधिकारियों की उदासीनता के कारण दिव्यांग उपेक्षा के शिकार हो रहे हैं। संघर्ष समिति नवीन विकलांग अधिकार अधिनियम 2016 के अन्तर्गत राज्य सरकार की ओर से बनाए जा रहे नियमों के लिए लीगल ड्राफ्टिंग कमेटी बनाए जाने व इसमें आंदोलन संघर्ष समिति के प्रमुख विकलांगता के प्रतिनिधियों को शामिल किए जाने, विकलांग आंदोलन 2016 में विकलांगजनों पर लगाए गए मुकदमों को सरकार के वायदे के मुताबिक वापस लेने व संघर्ष समिति के आंदोलन के बाद सरकार की ओर से समझौते के तहत एक उच्च स्तरीय कमेटी बनाई गई थी, जिसकी बैठक त्रैमासिक होनी थी, लेकिन कमेटी की अग्रिम बैठक नहीं हुई। इसकी बैठक एक सप्ताह में सुनिश्चित किए जाने आदि की मांग कर रहे हैं।