जयपुर

तापमान में परिवर्तन, बढ़ गए अस्थमा के मरीज

– पिछले वर्षों की तुलना में 45 फीसदी बढ़ी मरीजों की संख्या

जयपुरFeb 15, 2020 / 10:15 pm

Avinash Bakolia

जयपुर. मौसम में बदलाव, प्रदूषण, आधुनिक जीवनशैली की वजह से लोग अस्थमा की गिरफ्त में आ रहे हैं। तापमान में परिवर्तन के साथ इस बार अस्थमा के मरीजों की संख्या भी बढ़ी है। चौंकाने वाली बात यह है वर्ष 2019 में पिछले वर्षों की तुलना में 45 फीसदी अस्थमा के मरीजों की संख्या बढ़ी है। सवाई मानसिंह अस्पताल के अलावा जेके लॉन, जयपुरिया, गणगौरी और कांवटिया अस्पताल में रोजाना अस्थमा के मरीज आ रहे हैं। आंकड़ों की बात की जाए तो पिछले तीन महीनों में 30 से 40 प्रतिशत तक मरीज बढ़े हैं। यदि इन अस्पतालों की बात करें तो रोजाना 500 से 700 और सभी सरकारी और निजी अस्पतालों की बात करें तो यह आंकड़ा 1600 से 1800 तक पहुंच रहा है।
अस्थमा रोग विशेषज्ञों के अनुसर वायु प्रदूषण, पौषक तत्वों की कमी, स्मोकिंग, खाने का सही चयन नहीं होना मुख्य कारण है।
बढ़ गए केसेज
हर महीने करीब 30-35 नए मामले अस्थमा के सामने आ रहे हैं, जो कि पहले आठ से दस तक ही आ रहे थे। वर्ष 2019 में जयपुर में पिछले वर्ष की तुलना में करीब 45 प्रतिशत अस्थमा के मरीजों की संख्या बढ़ी है। यदि सही स्थिति रही तो जयपुर की एक तिहाई आबादी एक दशक से पहले अस्थमा के रोग का शिकार हो सकती है, जिसमें अधिकतर 20 वर्ष से कम आयु के बच्चे होंगे।
फरवरी मार्च में संभल कर रहें
एसएमएस अस्पताल के अस्थमा रोग विशेषज्ञ डॉ. अजीत सिंह ने बताया कि फरवरी से मार्च तक पतझड़ का मौसम होता है। इस मौसम में नए फूल आएंगे। वातावरण में परागकण रहते हैं। इस वजह से अस्थमा के मरीज बढ़ेंगे। अस्पतालों में 15 से 20 प्रतिशत अस्थमा के मरीज आने लग जाते हैं। अस्थमा के साथ-साथ सीओपीडी के केस भी दिनों-दिन बढ़ रहे हैं। उन्होंने बताया कि तापमान बढऩे के साथ ही हमारे रहन-सहन, खाने-पीने में भी बदलाव होता है। इस वजह से अस्थमा के मरीजों की संख्या बढ़ जाती है। सीओपीडी से राजस्थान में सबसे ज्यादा मौतें हो रही हैं।

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