ज्योतिषाचार्य पं.दामोदर प्रसाद शर्मा के मुताबिक इस बार चंद्रग्रहण आषाढ़ी पूर्णिमा (
guru purnima moon eclipse ) की रात को उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में धनु राशि में शुरू होकर मकर राशि में खत्म होगा। इस ग्रहण से उत्तर भारत में उत्तरप्रदेश, पंजाब, कनार्टक, राजस्थान और मध्यप्रदेश की राजनीति में उथल पुथल भी हो सकती है। (
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ग्रहण के समय धनु राशि में शनि, केतु, चंद्रमा, सूर्य के साथ राहु और मिथुन राशि में राहु के साथ सूर्य, शुक्र रहेंगे। इस ग्रहण के समय सूर्य और चंद्रमा चार विपरित ग्रह शनि, शुक्र, राहु और केतु के बीच में रहेंगे। वहीं मंगल नीच का रहेगा। ऐसा योग 149 साल पहले 12 जुलाई 1870 को बना था।
शाम 4.31 बजे सूतक शुरू पं.पुरुषोत्तम गौड़ ने बताया कि ग्रहण का सूतक मंगलवार शाम 4.31 बजे से शुरू हो जाएगा। इससे पहले ही
गुरु पूर्णिमा से संबंधित पूजा-पाठ कर लेना शुभ होगा। प्राचीन समय में इसी पूर्णिमा पर महर्षि वेद व्यास का जन्म हुआ था। तब से जयंती के मौके पर गुरु पूर्णिमा मनाई जाती है ।
मौसम में बदलाव शर्मा के मुताबिक ग्रहण रात 1.31 बजे प्रारंभ होगा। ग्रहण खत्म 4.30 बजे होगा। यह ग्रहण संपूर्ण भारत में दिखेगा। अफ्रीका, आस्ट्रेलिया, यूरोप, दक्षिण अमेरिका सहित एशिया महाद्वीप के सभी देशों में दिखाई देगा।
यह पड़ेगा राशियों पर असर ( Astrology ) शुरुआत में धनु राशि में चंद्रग्रहण घटित होगा। जिसमें कर्क, तुला, कुंभ और मीन राशि के जातकों को श्रेष्ठ फल, मेष, मिथुन, सिंह, वृश्चिक राशि वालों को मध्यम फल, वृषभ, कन्या और मकर राशि के जातकों को समय हल्का रहेगा, जबकि मकर राशि में खत्म होने वाला ग्रहण मेष, सिंह, वृश्चिक, मीन राशि वालों को शुभ फलदायक, वृषभ, कर्क, कन्या, धनु राशि के जातकों को मिलाजुला तथा मिथुन, तुला, मकर और कुंभ राशि वालों को हल्का रहेगा। विशेषकर उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में जन्म, मृत्यु को विशेष प्रभावित करेगा।